कृषि मंत्री व एचएयू के कृषि वैज्ञानिकों ने किया नरमा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

H.A.U वैज्ञानिकों के अनुसार पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलने से आई समस्या
समन्वित प्रबंधन की कमी व जरूरत के समय कम बारिश सहित कई अन्य कारणों से भी हुई फसल खराब
हिसार : 21 सितम्बर
प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे.पी. दलाल के साथ चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह के दिशा-निर्देश पर कृषि वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा भिवानी के बहल व सिवानी क्षेत्र के नरमा कपास की फसल के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। कृषि मंत्री व कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने इस दौरान फसलों का मुआयना करने के बाद किसानों से भी खराब हुई फसल को लेकर चर्चा की। कृषि मंत्री ने एचएयू के वैज्ञानिकों से भी फसल के नुकसान व उसके कारणों को लेकर गहन चर्चा की। एचएयू की ओर से विस्तार शिक्षा निदेशालय के सह-निदेशक (किसान परामर्श सेवा) डॉ. सुनील ढांडा ने टीम का नेतृत्व कर रहे थे। कपास अनुभाग के वैज्ञानिक डॉ. ओमेंद्र सांगवान ने बताया कि सिवानी व बहल क्षेत्र की मिट्टी रेतीली है और इसलिए इस क्षेत्र में बिजाई से लेकर टिण्डे बनने तक फसल को बार-बार पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा किसानों द्वारा पौधों को जरूरत के कम खाद दी गई है। जिसकी वजह से ऐसी समस्या आई है। उन्होंने कहा कि साथ ही हल्की जमीन जहां समय पर पर्याप्त वर्षा नहीं हुई, पोषक तत्व प्रबधंन का अभाव, सफेद मक्खी के लिए अनुकूल वातावरण एवं फसलों में बिना सिफारिश के कीटनाशकों व फफूंदनाशकों का मिश्रित प्रयोग से भी फसल को नुकसान हुआ है। इसके अलावा फसल का प्रभावित करने वाले कई अन्य कारण भी शामिल हैं।


फोटो  : बहल व सिवानी क्षेत्र के कपास प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के अवसर पर एचएयू के कृषि वैज्ञानिकों की टीम व किसानों से बातचीत करते कृषि मंत्री श्री जे.पी. दलाल व अन्य।


डॉ. ओमेंद्र सांगवान ने मौजूद किसानों से आह्वान किया कि वे भविष्य में कृषि वैज्ञानिकों व कृषि अधिकारियों की सिफारिश अनुसार ही फसलों में कीटनाशकों व अन्य रसायनों का प्रयोग करें। साथ ही समय-समय पर फसल में खाद की कमी को पूरा करना होगा। कृषि मंत्री के साथ क्षेत्र का दौरा करने वालों में विश्वविद्यालय से डॉ. मनमोहन सिंह, डॉ. अनिल जाखड़, डॉ. गुलाब सिंह, डॉ. मुरारी लाल व डॉ. डी.के.शर्मा भी टीम में मौजूद थे।