कोरोना ने बदल दिया लोगों का खानपान का तरीका

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय ने कराया सर्वे
हिसार : 22 सितम्बर
कोरोना संकट से आज सारा विश्व जुझ रहा है। इस महामारी के चलते जहां एक ओर लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया था, वहीं उनके खानपान व जीवनशैली में भी बदलाव स्पष्ट देखने को मिला है। यह जानकारी चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय द्वारा कराए गए एक ऑनलाइन सर्वे में निकलकर सामने आई है। सर्वे महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढांडा के निर्देशानुसार खाद्य एवं पोषण विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता सी. सिन्धु की देखरेख में किया गया। इस सर्वे को खाद्य एवं पोषण विभाग में अखिल भारतीय समन्वित परियोजना के तहत डॉ. उर्वशी नांदल एवं डॉ. मंजू गुप्ता द्वारा किया गया। सर्वे में लोगों से कोविड-19 महामारी के दौरान आहार एवं पोषण के बारे में जानकारी प्राप्त की गई।
तत्कालिक मुद्दों पर होता है खास ध्यान
खाद्य एवं पोषण विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता सी. सिन्धु ने बताया कि विभाग की ओर से कोरोना महामारी जैसे आकस्मिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर ये सर्वे आयोजित किया गया था, ताकि लोगों के जीवन में अचानक खाद्य एवं पोषण में बदलाव आने से उनके खानपान व स्वास्थ्य पर विपरीत असर न पड़े। इसके लिए विभाग द्वारा आमजन को विभिन्न माध्यमों द्वारा समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है। इस सर्वे का भी मकसद कोरोना महामारी के दौरान लोगों के जीवन व खानपान में आए बदलाव की जानकारी हासिल करने के उपरांत जागरूक करना है।
गुगल फार्म से किया सर्वे, घरेलू चीजों को दे रहे प्राथमिकता
डॉ. उर्वशी नांदल एवं डॉ. मंजू गुप्ता द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण को गुगल फार्म के माध्यम से ऑनलाइन किया गया था। इस सर्वे में कुल 425 लोग शामिल हुए जिसमें 313 पुरूष व 112 महिलाएं शामिल थीं। सर्वे में हर आयुवर्ग के लोग शामिल थे, लेकिन 20 से 35 वर्ष के आयुवर्ग के सबसे ज्यादा 195 लोगों ने भाग लिया। इसमें पाया गया कि इस महामारी के दौरान घर में पका हुआ भोजन, फल, सब्जियां, दूध तथा नट्स का सेवन अधिक किया गया जबकि फास्ट फूड, जंक फूड तथा बाहरी भोजन का सेवन बहुत कम किया गया। सर्वे में पाया गया कि अधिकतर लोग बाजार की चीजों की बजाए घरेलू चीजों को अधिक महत्व दे रहे हैं। हालांकि उनके अनुसार बाजार की चीजें खरीदने में भी कोरोना संकट में कोई कठिनाई नहीं हुई। लोगों द्वारा खरीदारी के पश्चात खाद्य पदार्थों को पानी या पानी के साथ नमक मिलाकर कीटाणुरहित भी किया गया। कोरोना को रोकने के लिए फल एवं सब्जियां, खट्टे फल, लहसून, अदरक, हल्दी तथा नट्स की खपत में भी वृद्धि पाई गई। कुछ लोगों ने दालचीनी, शहद, फलों का जूस, ग्रीन टी, अदरक की चाय का सेवन भी बढ़ाया। उत्तरदाताओं में से अधिकांश की राय थी कि गर्म अथवा गर्म स्वभाव वाले खाद्य पदार्थ कोरोना को रोकने में मद्दगार साबित हो सकते हैं।
समाज में जागरूकता लाने में मददगार होते हैं ऐसे सर्वे : प्रोफेसर समर सिंह
कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि समय-समय पर तत्कालिक सामाजिक मुद्दों को लेकर विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों द्वारा इस प्रकार के सर्वेक्षण आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यपकों व विद्यार्थियों को इस प्रकार के सर्वेक्षण से समाज में जागरूकता फैलाने के लिए भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि ऐसे सर्वेक्षण समाज में जागरूकता लाने का काम करते हैं।