हकृवि को ऑनलाइन सांख्यिकी विश्लेषण मोड्यूल के लिए मिला कॉपीराइट

वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने की सराहना, विश्वविद्यालय के लिए बताई गौरव की बात
हिसार : 29 अगस्त 2020
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनवरत प्रयास व अथक मेहनत से एक ओर उपलब्धि विश्वविद्यालय के नाम जुड़ गई है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा ऑनलाइन सांख्यिकी विश्लेषण के मोड्यूल के लिए कॉपीराइट मिला है। मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजबीर सिंह ने बताया कि ये मोड्यूल गणित एवं सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर ओ.पी. श्योराण व उनके सहयोगी डॉ. मंजू सिंह टोंक, डॉ. रामनिवास, डॉ. मनोज गोयल व डॉ. हेमंत पुनियां के द्वारा तैयार किए गए हैं।
क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर विधि पर हैं आधारित
गणित एवं सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर ओ.पी. श्योराण ने बताया कि ये मोड्यूल एक्टिव सर्वर पेजिस(ए.एस.पी.) भाषा का उपयोग करते हुए क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर विधि पर आधारित हैं। इन मोड्यूल का उपयोग इंटरनेट के माध्यम से कोई भी वैज्ञानिक अनुसंधान में आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए कर सकता है। कृषि वैज्ञानिकों व शोध विद्यार्थियों के लिए ये मोड्यूल बहुत ही लाभदायक होंगे। वर्तमान समय में अनुसंधान में ऑनलाइन आंकड़ा विश्लेषण की तकनीकों की बहुत अधिक जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए इन मोड्यूल को विकसित किया गया है।
रसायन की प्रभावी मात्रा का पता लगाने में होंगे सहायक
मोड्यूल तैयार करने वाली टीम के इंचार्ज ने बताया कि इन मोड्यूल के माध्यम से शोधकर्ता कीट विज्ञान, रासायनिक विज्ञान व सस्य विज्ञान में किसी रसायन की प्रभावी मात्रा का पता लगाने में सक्षम होगा। इसके अलावा बहुत अधिक आंकड़ों के सेट को (महत्वपूर्ण सूचना को बिना नुकसान पहुंचाए) छोटे आंकड़ा सेट में परिवर्तित करने में सहायक होगा। साथ ही कई स्थानों पर अनुसंधान के लिए कई वर्षों व कई स्थानों पर लगाए गए परीक्षणों के विश्लेषण के लिए भी अत्यंत प्रभावी होंगे। इन मोड्यूल का उपयोग बहुत ही सरलता से किया जा सकता है।
इन मोड्यूल में नहीं कर सकता कोई बदलाव
गणित एवं सांख्यिकी के विभागाध्यक्ष डॉ. मंजू सिंह टोंक ने बताया कि इन मोड्यूल की कोडिंग में कोई अपने अनुसार बदलाव नहीं कर सकता। अगर इन मोड्यूल का कोड बदलना है तो इसके लिए विश्वविद्यालय के संबंधित विभाग से लिखित में अनुमति लेनी पड़ती है।
विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने इस उपलब्धि के लिए मोड्यूल तैयार करने वाली पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वद्यिालय के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों पर भी गर्व है कि वे निरंतर कुछ बेहतर करने के लिए प्रयासरत हैं। इससे विश्वविद्यालय का नाम रोशन हो रहा है।