8 अगस्त तक मौसम परिवर्तनशील परंतु 9 से 11 अगस्त तक हो सकती है बारिश

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान
हिसार: 7 अगस्त 2020
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने मौसम पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि मानसूनी हवायों का टर्फ जो अब गंगानगर, हिसार, बदायूं, गौंडा, आजमगढ़, गया, जमशेदपुर, डिगा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक गुजर रहा है। इसके निचले और दक्षिण की तरफ शिफ्ट होने की संभावना तथा बंगाल की खाड़ी में बनने वाले एक निम्न दबाब के क्षेत्र से मानसूनी हवायों की सक्रियता मध्य एवम दक्षिण पश्चिमी भारत में ज्यादा रहने की संभावना है। इसी कारण हरियाणा प्रदेश की तरफ आने वाली कमजोर मानसूनी हवाओं से 8 अगस्त तक राज्य में मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने, बीच बीच मे बादलवाई आने तथा तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस दौरान वातावरण में नमी अधिक होने तथा तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने से कहीं-कहीं गरज-चमक वाले बादल बनने से कुछ एक स्थानों पर हवायों के साथ हल्की बारिश भी संभावित है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाब का क्षेत्र बनने की संभावना से 8 अगस्त से मानसून हवायों की फिर से  मैदानी क्षेत्रों की ओर  सक्रियता बढऩे की संभावना है जिससे 9 अगस्त से 11 अगस्त के बीच  प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने की संभावना है।
अब तक हुई सामान्य से कम बारिश
वैज्ञानिकों के अनुसार दक्षिण पश्चिमी मानसूनी हवाये 29 जुलाई से 4 अगस्त प्रदेश में थोड़ी सक्रिय रहने से कुछ एक क्षेत्रों में बारिश दर्ज हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग में दर्ज बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में अब तक (1 जून से 4 अगस्त) सामान्य से 4 प्रतिशत् कम बारिश हुई है। इस दौरान राज्य में सामान्य बारिश 230.8 मिलीमीटर की जगह 221.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। परन्तु मानसून की इस सप्ताह हुई बारिश का वितरण एक समान न होने के कारण कुछ जिलों में अच्छी बारिश हुई परन्तु पश्चिमी हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार , भिवानी जिलों व इस के आसपास के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई। मानसून की अब तक हुई (1 जून से 4 अगस्त) कुल बारिश के आंकड़ों के आधार पर राज्य के 11 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है जिनमें अम्बाला में 48 प्रतिशत्, भिवानी 26 प्रतिशत्, गुरूग्राम 23 प्रतिशत्, महेद्रगढ़ 42 प्रतिशत्, मेवात 33 प्रतिशत्, पलवल 42 प्रतिशत्, पंचकूला 68 प्रतिशत्, पानीपत 23 प्रतिशत्, रेवाड़ी 41 प्रतिशत्, रोहतक 55 प्रतिशत्, यमुनानगर 25 प्रतिशत् कम बारिश दर्ज हुई है।
परिवर्तनशील मौसम के चलते धान की फसलों में करें आवश्यकतानुसार सिंचाई
विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो रहा है। किसान मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अपनी फसलों की निराई-गुड़़ाई व सिंचाई जैसे कार्य कर लेते हैं जिससे उन्हें मौसम पूर्वानुमान की सूचना न मिलने से होने वाले आर्थिक नुकसान से काफी हद तक निजात मिली है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि अगले चार दिन मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना को देखते हुए  धान की फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। इसके अलावा बाजरा, ग्वार आदि खरीफ फसलों में निराई- गुड़ाई कर खरपतवार निकालें, नमी को संचित करें और नरमा-कपास, बाजरा आदि फसलों में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें।  बादलवाई व वातावरण में नमी अधिक रहने के कारण नरमा- कपास व अन्य फसलों में कीटों व रोगों का प्रकोप बढऩे की संभावना को देखते हुए फसलों की निगरानी करें। यदि प्रकोप हो तो विश्वविद्यालय की सिफारिशानुसार कीटनाशकों का छिडक़ाव मौसम साफ रहने पर ही करें। इसे अलावा सब्जियों व फलदार पौधों में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करे।
टिड्डी से भी रहें सचेत
प्रोफेसर समर सिंह ने किसानों को सचेत करते हुए कहा कि अगले चार दिनों में हवा में बार-बार बदलाव की संभावना को देखते हुए राजस्थान के आसपास के जिलों के किसान टिड्डी दल के प्रति सजग रहे तथा खेतों में लगातार निगरानी रखें। यदि खेत में कहीं भी टिड्डी दिखाई दे तो तुरंत नजदीक के कृषि अधिकारी व कृषि विज्ञान केंद्र/ विश्वविद्यालय के कीटविज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों को तुरन्त सूचित करें। कोरोना से लगातार बचाव हेतु किसान भाई मुंह पर मास्क या गमोछा रखें, मंडी/ गांव व खेत में काम करते समय एक-दूसरे के बीच उचित दूरी बना कर अवश्य रखें तथा हाथों को समय-समय पर साबुन या सेनेटाइजर से अवश्य साफ करें।