औद्योगिक इकाइयां, निजी व सरकारी विभाग अपने कर्मचारियों के मौजूदा पते व मोबाइल नंबरों की अपडेटिड सूची तैयार करें: विनय सिंह
हिसार मंडल आयुक्त विनय सिंह ने जिला में कोरोना की स्थिति पर अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
हिसार, 3 जुलाई।
हिसार मंडल आयुक्त विनय सिंह ने कहा कि जिला में स्थित सभी औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान तथा निजी व सरकारी विभाग अपने सभी कर्मचारियों के मौजूदा पते व मोबाइल नंबर की अपडेटिड सूची तैयार करके अपने पास रखें ताकि यदि इनमें से कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे ट्रेस करके तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके और उसका इलाज शुरू किया जा सके। इसके अलावा जिला में 50 से अधिक बेड वाले सभी निजी अस्पतालों के 25 प्र्रतिशत बेड कोविड के लिए आरक्षित किए जाएं ताकि आवश्यकता के अनुसार इनका उपयोग किया जा सके। निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दरों का समुचित डिस्पले भी सुनिश्चित किया जाए।
मंडल आयुक्त विनय सिंह आज लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस कक्ष में प्रशासन के उच्चाधिकारियों के साथ जिला में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए अधिकारियों से व्यापक विचार-विमर्श किया और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, केंद्रीय गृह मंत्रालय व हरियाणा सरकार के आदेशों के अनुसार रणनीति पर कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी, हिसार के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया, हांसी के पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
मंडल आयुक्त विनय सिंह ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार 50 से अधिक बेड वाले प्राइवेट अस्पतालों के 25 प्रतिशत बेड तथा मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों के आईसीयू के 25 प्रतिशत बेड स्वास्थ्य विभाग कोविड केयर के लिए आरक्षित कर ले। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है तो हमें उसके लिए अभी से तैयारियां करनी होंगी। इसके लिए उन्होंने हिसार के नागरिक अस्पताल, हांसी, आदमपुर, बरवाला, उकलाना, नारनौंद व सीसवाल के अस्पतालों में 200 ऑक्सीजन बैड की क्षमता को बढ़ाने के निर्देश दिए। हिसार के नागरिक अस्पताल में वर्तमान में 50 ऑक्सीजन बैड हैं जिनकी संख्या को बढ़ाकर 100 किया जाएगा। उन्होंने सभी सरकारी अस्पतालों में मैनपावर का रोस्टर तैयार करने को कहा ताकि किसी भी समय अस्पतालों को कर्मचारियों की कमी की स्थिति का सामना न करना पड़े।
मंडल आयुक्त ने जिला में कोविड केयर सेंटर, ऑक्सीजन स्पोर्टिड बैड व कोविड अस्पतालों की संख्या व इनकी स्थिति की भी व्यापक समीक्षा की और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से अस्पतालों में आक्सीजन की पूर्ति की दोबारा जांच करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर्स में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित एसडीएम नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों, निजी प्रतिष्ठानों व सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों के मौजूदा रिहायशी पते व मोबाइल नंबरों की सूची संबंधित विभागाध्यक्ष अपने स्तर पर दुरुस्त कर लें ताकि यदि इनमें से किसी व्यक्ति का सैंपल पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने और उसका इलाज शुरू करने में विलंब न हो। पॉजिटिव मरीज को ढूंढने में स्वास्थ्य विभाग को कई बार अधिक समय लग जाता है जिससे मरीज के इलाज में देरी हो जाती है। इसके अलावा आवश्यकता होने पर इस सूची का उपयोग पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए व्यक्तियों को ट्रेस करने में किया जा सकेगा। मंडल आयुक्त ने इसके लिए सभी संबंधित को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने की भी हिदायतें दीं।
उन्होंने कहा कि शहर के उन क्षेत्रों की सतत निगरानी करवाने की आवश्यकता है जहां आबादी का घनत्व ज्यादा है। उन्होंने नगर निगम की संयुक्त आयुक्त को स्वयं ऐसे क्षेत्रों की निगरानी करने को कहा। उन्होंने कहा कि विदेश, किसी अन्य राज्य या जिलों से आने वाले जो व्यक्ति 72 घंटे के भीतर अपनी सूचना नहीं देते ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए व्यक्तियों की ट्रेसिंग अपने स्तर पर भी करवाएं।
मंडल आयुक्त ने कहा कि सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए कोरोना का इलाज करने के लिए अधिकतम दरें निर्धारित की हैं ताकि कोई अस्पताल मरीजों से मनमानी वसूली न कर सके। सभी निजी अस्पतालों में इन दरों की सूची का डिस्पले करवाया जाए ताकि यहां इलाज करवाने वालों को सरकारी दरों की जानकारी हो सके।
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि जिला में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं व संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके बावजूद जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं को कई गुणा अधिक विस्तार दिया जा रहा है ताकि कोरोना के साथ-साथ सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूती से चलाया जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि क्रोनिक मरीजों को बार-बार अस्पताल न आना पड़े, इसके लिए उन्हें कम से कम एक माह की दवा एक साथ दे दी जाए। इससे अस्पतालों में होने वाली भीड़ में कमी आएगी और संक्रमण का खतरा भी कम होगा। उन्होंने मरीजों को टेलीफोनिक सलाह के संबंध में रणनीति बनाने के लिए भी अधिकारियों को जरूरी हिदायतें दीं।
बैठक में एसीयूटी अंकिता चौधरी, नगर निगम की संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल, एसडीएम विकास यादव, डॉ. जितेंद्र सिंह, राजेश कुमार, राजेंद्र सिंह, सिविल सर्जन डॉ. रतना भारती, डॉ. जया गोयल, डॉ. तरुण सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।