आर्यनगर में धुमधाम से मनाई संत कबीर दास जयन्ति : वर्मा
जून 06 हिसार । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रजापति हनुमान वर्मा ने प्रैस में जारी विज्ञप्ति में बताया कि गांव आर्यनगर में संत कबीर दास जयन्ति धुमधाम से मनाई गई । इसका आयोजन अनुप जी महाराज ने किया । अनुप जी महाराज ने द्वीप प्रज्जविलत किया । सभी ने संत कबीर दास जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये । 

वर्मा ने अपने सम्बोधन में कबीर दास जी के जीवन पर प्रकाश डाला।  कबीर दास जी ने अन्धविश्वास , पाखण्डवाद ओर रूढ़िवादी कर्मकाण्डो के विरुद्ध देश समाज दुनिया का मार्ग दिखाने का काम किया । कबीर दास जी के दोहे आज भी सभी की जुबान पर रहते है । " कबीरा खड़ा बाज़ार में मांगे सबकी खैर ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर "

" कबीरा जब हम पैदा हुए जगत हंसे हम रोऐ, ऐसी करनी कर चले हम हंसे जग रोऐ "

वर्मा ने कहा कि गांव आर्यनगर में सभी महापुरुषों की जयंतियां मनाई जायेगी । 

सरपंच जगदीश इन्दल ने कहा कि कबीर दास जी परमसंत थे । हमें उनके दिखाए रस्ते पर चल कर अपना जीवन सफल बनाना चाहिए । 

अधिवक्ता पुनम बोद्ध ने कहा कि कबीर दास जी   कहा कि "पत्थर पूजे हरि मिले ,तो मैं पूजू पहाड़ ,

ताते तो चाक्की भली पिस खाऐ संसार ।

कंकर पत्थर जोड़ के मस्जीद लई बनाए ,तामे बैठ मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदा ।

कबीर दास उस सदी के महान संत हुए हैं । जिन्होंने पाखण्डवाद को मिटाने में अहम भूमिका निभाई थी । वहां पर मुख्य रुप से   दिनेश बेनीवाल, प्रधान सतगुरु श्रद्धानंद सत्संग, हिसार.धर्मबीर वर्मा पदाधिकारी सतगुरु श्रद्धानंद सत्संग. साध्वी रचना  संत अनुप सिंह जी महाराज बलबीर जांगड़ा,विक्रम जांगड़ा, सुरेश कुमार नागर, गुरमीत नागर, दिनेश नागर, संदीप नागर, बलबीर शिल्ला, राजेंद्र जाखड़, नवीन जाखड़,कमलेश वर्मा, श्रीमती कृष्णा वर्मा, श्रीमती नीलम नागर.सतपाल सिंह फौजी,इंद्र सिंह भूम्भक, दयानंद शिल्ला, सरपंच जगदीश इंदल, पूनम बौद्ध सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता. स्वामी चंद्रानंद जी.उमेद भगत जी आदि