मजदूरों व किसानों को दी जाए अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस की तर्ज पर नकद राशि - कुलदीप बिश्नोई

हिसार, 18 मई : कांग्रेस केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि आजाद भारत के स्वर्णिम इतिहास में भारतीय जनता पार्टी ने प्रवासी श्रमिकों की पीड़ा और वेदनाओं को न समझते हुए एक काला अध्याय लिखते हुए उन्हें ट्रकों, सड़कों, रेलवे लाइन पर अपने भाग्य के रहमो-करम पर तिल -तिल कर मरने के लिए छोड़ दिया गया है। बिश्नोई ने कहा कि सरकार मजदूरों के धैर्य की परीक्षा ना लें जिन लोगों ने इस राष्ट्र के निर्माण में अपना खून पसीना बहाकर गौरवशाली और सशक्त भारत का निर्माण करने में अपना अमूल्य योगदान दिया है। उन श्रमिकों की पीड़ा को न समझते हुए उन असहाय और बेबस मजदूरों को अपमान और तिरस्कार का सामना करना पड़ रहा है। उनका दुर्भाग्य यह है गरीबी उनके लिए एक अभिशाप बन कर रह गई है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के साथ दिल दहलाने वाली घटनाएं हो रही है, जो दिल को झकझोर कर रख देती हैं। श्रमिकों की इस व्यथा के लिए भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय सरकार पूर्ण रूप से जिम्मेदार है, जिसकी श्रमिक विरोधी नीतियों का खामियाजा आज इन निरीह और वेदनाओं से ग्रसित श्रमिकों के लिए सबसे बड़ा दुःख का कारण है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में पहली बार एक परिवार के सदस्यों को बैल बनकर अपने घर तक पहुंचने के लिए विवश होना पड़ा और यह इस देश की सबसे बड़ी त्रासदी है। उन्होंने ने कहा कि अगर समय रहते हुए योजना बनाकर श्रमिकों को उनके घर भेज दिया गया होता तो आज श्रमिकों को यह बुरे दिन देखने के लिए विवश नहीं होना पड़ता। अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही कुलदीप बिश्नोई मांग उठा चुके है। कि श्रमिकों और किसानों को ऋण के मायाजाल में फंसा कर भ्रमित करने की अपेक्षा उन्हें अमेरिका, इंग्लैंड और फ्रांस जैसे देशों की तर्ज पर नकद राशि प्रदान की जाए ताकि वे अपने जरुरत का सामान खरीद सकें। इसके साथ ही मनरेगा की मजदूरी को 100 कार्य दिवस की बजाय 200 कार्य दिवस प्रतिवर्ष किया जाए, ताकि इन श्रमिकों की वेदना को कुछ कुछ सीमा तक कम किया जा सके।