स्टेट फाइनेंस कमीशन ग्रांट 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत की जाए - गौतम सरदाना

 छठीं स्टेट फाइनेंस कमीशन की हुई वीसी के माध्यम से बैठक

- सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर व पार्षदों ने आय बढ़ाने को लेकर दिये अपने सुझाव

हिसार। 23 अप्रैल

हिसार का विकास तेजी से हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है। ऐसे में पुराने और नये शहर को पूर्ण रूप से विकसित करने के लिये स्टेट फाइनेंस कमीशन की ग्रांट 8 प्रतिशत बढ़ाई जानी चाहिये। यह बात महापौर गौतम सरदाना ने छठीं स्टेट फाइनेंस कमीशन की बैठक के दौरान कहीं। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से छठीं फाइनेंस कमीशन के चैयरमेन पी राधवेंद्र राव की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन सचिव विकास गुप्ता ने किया। बैठक में प्रो मुकेश माथूर, हिसार व रोहतक नगर निगम के महापौर, जनप्रतिनिधियों के अलावा विभिन्न कमेटियों व परिषदों के चैयरमेन, प्रधान व अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में हिसार से नगर निगम निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग, सीनियर डिप्टी मेयर अनिल सैनी, डिप्टी मेयर जयवीर सिंह गुज्जर, अनिल जैन, पिंकी शर्मा, जयप्रकाश ,सीनियर अकाउंट ऑफिसर यज्ञदत्त शर्मा, जेडटीओ राहुल आदि मौजूद रहे।

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महापौर गौतम सरदाना ने निगम की आय बढ़ाने को लेकर अपना मत रखते हुए कहा कि स्टेट फाइनेंस कमीशन की ग्रांट को 7 प्रतिशत से 15 प्रतिशत किया जाना चाहिये। नगर निगम को शराब पर टैक्स मिलता था। जिसे बंद कर दिया गया है, उसे पूर्ण शुरू करवाया जाये। जिससे निगम की इनकम में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने कहा कि नगर निगम के अंर्तगत आने वाले टावर, एटीएम, केबल आॅपरेटर, पीजी आदि से शुल्क लिया जाये।

शहर की सड़कों पर लोग पशुओं को छोड़ देते हैं। जिस कारण आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ता है और हादसे होते है। नगर निगम की टीम नियमित रूप से पशुओं को पकड़ती है। इन पशुओं की देखभाल, चारे, तुड़ी आदि की जरूरत को पूरा करने के लिये निगम को पैसे की जरूरत है। इसलिये नगर निगम को विशेष ग्रांट दी जाये।

महापौर गौतम सरदाना ने कहा कि बीएंडआर, पब्लिक हेल्थ, मार्केट कमेटी व एचएसवीपी आदि जैसे सभी विभाग एक छत के नीचे होने चाहिये। क्योंकि नगर निगम को सड़क निर्माण के दौरान सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। सड़क बनाने से पूर्व सीवरेज, पेयजल लाइन आदि की जानकारी नहीं होती है। सड़क बनाने के बाद इन सुविधाओं के लिये सड़क उखाड़ी जाती है। जिससे जनता को परेशानी के साथ साथ निगम को नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसी व्यवस्था लागू की जाये, जिससे यह नुकसान न हो और अतिरिक्त आर्थिक खर्च में कटौती आये।


महापौर ने कहा कि हाउस की बैठक के एजेंडो और सब कमेटियों के पास किये एजेंडों पर प्रमुखता के साथ कार्रवाई होनी चाहिये। यह जनसुविधा और विभाग के विकास से जुड़े होते है। टीपी स्कीम के सब डिवाइड नक्शों को पास किया जाना चाहिये। जिससे निगम की आय में बढ़ोतरी हो। 20 साल पुराने किरायेदारों को मालिकाना हक देने की फाइल की अप्रूवल चंडीगढ़ से देने की बजाय हिसार से होनी चाहिये। ताकि समय रखते फाइनल हो और निगम को आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े।
वहीं पार्षद अनिल जैन ने कहा कि सरकार ने स्लम एरिया को लेकर विशेष स्कीम पूर्व में चलाई थी। स्कीम पुन: शुरू की जाए ताकि स्लम एरिया को प्रदेश में खत्म हो सके। सरकार की अयोग्य भूमि का विभिन्न प्रोजेक्टों में प्रयोग किया जाना चाहिये। जिससे आय में बढ़ोतरी होगी। बैठक में सीनियर डिप्टी मेयर अनिल सैनी, डिप्टी मेयर जयवीर सिंह गुज्जर, , पिंकी शर्मा, जयप्रकाश ने नगर निगम की आय बढ़ाने को लेकर अपनी सुझाव दिये।