सेल्फ डिफेंस में छोटी लड़कियों को कमजोर मत समझना, दुश्मन को पल भर में दे सकती हैं पटखनी

 स्कूली शिक्षा के दौरान सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग को किया जाना चाहिए अनिवार्य : रोहतास कुमार

सेल्फ डिफेंस में आत्म निर्भर बनाने के लिए सिेल्फ डिफेंस कोच रोहतास कुमार की सराहनीय मुहिम, मलेशिया से लड़कियों को दे रहे हैं नि:शुल्क ऑनलाइन सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग
हिसार 19 दिसंबर : डर के आगे जीत है। इस नारे के साथ सेल्फ डिफेंस कोच रोहतास कुमार ने मलेशिया से सेल्फ डिफेंस की ऑनलाइन कार्यशाला शुरू की है और वे लड़कियों और महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं। रोहतास ने लड़कियों की सुरक्षा को केंद्र में रखते हुए सेल्फ डिफेंस का यह कार्यक्रम कार्यान्वित किया। उनके द्वारा बीस सालों से चलाई जा रही इस मुहिम में हिसार, भिवानी व आसपास के जिलों में हजारों लड़कियों, महिलाओं ने भाग लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किया। सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग का उपयोग वे विपरीत परिस्थितियों में अपने एवं अपने परिवार की रक्षा के लिए कर सकती हैं।



प्रशिक्षक रोहतास कुमार ने बताया कि ट्रेनिंग में लड़कियों को चाकू के वार से बचना, हाथापाई व छेड़छाड़ को रोकने और सेल्फ डिफेंस में हमला करने की तकनीक सिखाई जाती है। साथ ही लड़कियों को गले, पैर व कमर पर वार करना, अपने दुपट्टे को हथियार के रूप में प्रयोग करना तथा पैर एवं  घुटने के पंजे का वार करना सिखाया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रेनिंग के दौरान लड़कियों एवं महिलाओं में आत्मविश्वास भी जगाया जाता है कि वे किसी भी खतरे को देखकर खुद को कमजोर ना समझें और बिल्कुल भी न डरें और बदमाशों का डट कर मुकाबला करें।
रोहतास कुमार ने बताया कि धीरे-धीरे यह मुहिम प्रदेश के सभी जिलों में चलाई जाएगी। इस प्रशिक्षण के बाद लड़कियों को सर्टिफिकेट भी दिया जाता है जो भविष्य में उनके काम आता है। उन्होंने बताया कि भिवानी जिले में उनके ग्रुप की देख-रेख एवं प्रबंधन का कार्य भानुप्रिया द्वारा किया जा रहा है। उनका मानना है कि सेल्फ डिफेंस से लड़कियों के साथ हो रहे अपराध में कमी आएगी एवं लड़कियां अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में महिलाओं के प्रति नकारात्मक पहलू को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत में प्रति सेकेंड महिलाओं का शोषण हो रहा है  फिर चाहे वो माँ हो, बेटी हो, बहन हो, पत्नी हो या 5-7 साल की छोटी बच्ची ही क्यों न हो। हर जगह नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। स्कूल तथा कॉलेज जाने वाली छात्राएं भय के साये में जी रही है। जब भी वे घर से बाहर निकलती है तो सिर से लेकर पैर तक ढकने वाले कपड़े पहनने को मजबूर हैं। महिलाओं पर तेजाब फेंकना और अपहरण व बलात्कार आम बात हो गई है। भारत में हर 20 मिनट में एक औरत से बलात्कार होता है। ऐसे दौर में खासकर लड़कियों तथा महिलाओं को स्वरक्षा की ट्रेनिंग देने की वेशेष आवश्यकता है। इसके साथ ही  हर नागरिक को आत्मरक्षा के तरीकों के बारे तथा विकट परिस्थति से निपटने की शिक्षा देने की भी सख्त जरूरत है। इसे स्कूली शिक्षा के दौरान अनिवार्य किया जाना चाहिए जिससे हर कोई आत्म रक्षा में निपुण हो सके और विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सके।
सेल्फ डिफेंस ट्रेंनिंग के इस कैंप आयोजन में भानुप्रिया, प्रीति,मुकेश, प्राची ,सोनिया, रमा, सरना, महेंद्र सेतिया, कुलदीप आदि का सहयोग रहा।