एचएयू में समन्वित कृषि प्रणाली विषय पर तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू

हिसार : 6 अक्तुबर
किसान समेकित कृषि प्रणाली को अपनाकर अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसके लिए किसान खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन, बागवानी, नर्सरी उत्पादन, मशरूम आदि का व्यवसाय कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। इससे किसान का जो खेती करते समय खाली समय रहता है, उसका सदुपयोग भी हो सकेगा। उक्त विचार सस्य विज्ञान विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पवन कुमार ने व्यक्त किए। वे चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। प्रशिक्षण का मुख्य विषय ‘समन्वित कृषि प्रणाली’ के माध्यम से किसानों की आमदनी को बढ़ाना है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.एस. हुड्डा की देख रेख में किया जा रहा है।  डॉ. पवन ने छोटे व सीमांत किसानों के लिए समेकित कृषि प्रणाली के तहत अढ़ाई एकड़ तक जमीन वाले प्रोजेक्ट के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
विभिन्न प्रशिक्षण हासिल कर स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं युवा
सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने संस्थान में चल रहे प्रशिक्षण के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में 30 प्रतिभागी ऑनलाइन रूप से प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं, जिसमें प्रदेश के किसान, महिलाएं और युवा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान की ओर से बागवानी, मधुमक्खी पालन, मशरूम सहित अनेक तरह के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यकम आयोजित किए जाते हैं। यहां से प्रशिक्षण हासिल कर युवा स्वरोजगार भी स्थापित कर सकते हैं। सहायक निदेशक(प्रशिक्षण)डॉ. निर्मल कुमार ने कृषि अर्थशास्त्र की जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार किसान खेती करते समय अनावश्यक खर्च को कम कर सकते हैं। पादप रोग विशेषज्ञ डॉ. पवित्रा कुमारी ने समेकित कृषि प्रणाली के तहत किसानों को मशरूम का व्यवसाय करने के बारे में जानकारी दी। सहायक निदेशक (बागवानी) डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बागवानी के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। कीट विज्ञान विभाग से डॉ. भूपेंद्र ने मधुमक्खी पालन व्यवसाय की विस्तृत जानकारी दी। डॉ. संदीप भाकर ने सभी वक्ताओं का स्वागत करते हुए प्रशिक्षणार्थियों से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में प्रतिदिन अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी दी जाएगी। ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।