H.A.U के अधूरे प्रोजेक्ट्स पकडेंगे रफ्तार, सरकार से मिला सौ करोड़ रूपये का अनुदान

हिसार : 13 सितम्बर
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अभी तक पैसे के अभाव में अधूरे पड़े प्रोजेक्ट और अन्य अनुसंधान, विस्तार शिक्षा व शैक्षणिक गतिविधियां नहीं रूकेंगी। इसके अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों की गे्रच्यूटी, लीव इनकैशमेंट, सीवीपी आदि की पेमेंट भी कर जल्द कर दी जाएगी। इसके लिए हरियाणा सरकार के वित्त विभाग की ओर से विश्वविद्यालय को लगभग सौ करोड़ रूपये (98.27 करोड़ रूपये) की अनुदान राशि जारी कर दी गई है। यह राशि विश्वविद्यालय को दूसरी तिमाही के लिए दी गई है। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक नवीन जैन ने बताया कि विश्वविद्यालय को सरकार की ओर से प्रतिवर्ष चार तिमाही में अनुदान राशि जारी की जाती है। इस बार दूसरी तिमाही की अनुदान राशि जो जून माह में जारी की जानी थी, वह कोरोना महामारी व कुछ अन्य प्रशासनिक कारणों से जारी नहीं हो सकी थी। इसकी वजह से विश्वविद्यालय के कई प्रोजेक्ट अधर में लटके हुए थे और निर्माण, अनुसंधान, विस्तार शिक्षा व शैक्षणिक गतिविधियों पर भी पैसे के अभाव में विपरीत असर पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि अब हरियाणा सरकार के वित्त विभाग की ओर से यह अनुदान राशि सितम्बर माह में जारी कर दी गई है। वित्त नियंत्रक ने बताया कि विश्वविद्यालय की रूकी हुई ग्रांट जारी करवाने व कर्मचारियों के सीपीएफ से पेंशन केस के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने उन्हें विशेष दायित्व सौंपा हुआ था। उन्होंने बताया कि इसको लेकर चंडीगढ़ में वित्त विभाग के उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद ग्रांट तो जारी करवा दी गई है और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का सीपीएफ से पेंशन का केस जोकि पिछले लंबे समय से वित्त विभाग के पास क्लेरिफीकेशन के लिए अधूरा पड़ा हुआ था, वह भी जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। इस केस के बारे में वित्त विभाग के उच्च अधिकारियों से जल्द पूरा होने का आश्वासन मिला है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने वित्त नियंत्रक के प्रयासों की सराहना करते हुए वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का भी धन्यवाद किया है।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नहीं हो कोई परेशानी : कुलपति
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने अधिकारियों व कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं कि विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सभी कामों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए। इसके लिए उन्हें दर-दर नहीं भटकना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय को उन्नति के शिखर पर ले जाने में अपना अहम् योगदान दिया है। इसलिए उनके पेंशन, ग्रेच्यूटी, लीव इनकेशमेंट व मेडिकल संबंधी किसी भी प्रकार के कार्यों में देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालय को सरकार की ओर से दूसरी तिमाही के लिए लगभग सौ करोड़ रूपये की अनुदान राशि मिल चुकी है। इसलिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंडिंग पड़ी सभी पेमेंट को जल्द से जल्द कर दिया जाना चाहिए।