G.J.U हिसार में नई शिक्षा नीति 2020 पर ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता आयोजित
सितंबर 15, 2020

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के ट्रेनिंग एंड प्लेसमैंट सैल के सौजन्य से पाक्षिक आभासी स्पीकाथॉन कार्यक्रम के तहत विषय नई शिक्षा नीति-2020 पर एक ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार आयोजन के मुख्य अतिथि थे। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के ऐसोसिएट प्रोफेसर डा. मुनीष गुप्ता, व फार्मेसी विभाग की सहायक प्रोफेसर डा. रेखा राव निर्णायक थे।

मुख्यातिथि प्रो. टंकेश्वर कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस मौजूदा महामारी के समय में भी विश्वविद्यालय इस प्रकार के स्पीकाथॉन कार्यक्रमों का आयोजन करके विद्यार्थियों को अधिक कौशलयुक्त और उन्हें आधुनिक चीजों को सिखाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने आगे कहा कि 34 वर्षों के बाद लाई गई नई शिक्षा नीति समय की मांग थी। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़ा सबसे प्रमुख पहलू राष्ट्रीय चरित्र निर्माण है जिसके माध्यम से देश की भलाई के लिए प्रतिबद्ध नागरिकों का निर्माण हो पाएगा।  उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति बहुत ही लचीली है तथा नवाचार व रचनात्मक सोच की ओर उन्मुख है।

प्लेसमैंट निदेशक प्रताप सिंह मलिक ने स्वागत सम्बोधन में बताया कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति-2020 के बारे में अध्ययन करने और उस पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों में संचार कौशल विकसित करने के लिए मई 2020 से शुरू हुआ यह 12वां स्पीकाथॉन कार्यक्रम था।  

प्लेसमैंट निदेशक ने नौ सितंबर को आयोजित एक मिनट के वीडियो भाषण प्रतियोगिता के आधार पर प्रतिभागियों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए निर्णायक सीएमटी विभाग की पल्लवी तथा प्रिंटिंग विभाग के मोहित व बिजेन्द्र कौशिक का आभार व्यक्त किया है।  

इस कार्यक्रम में 23 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतिभागी विद्यार्थियों ने नई शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों और विशेषताओं पर चर्चा की। विद्यार्थियों ने बताया कि स्ट्रीम के बंधन को हटाने के कारण, यह नीति उन सभी विद्यार्थियों के बीच समानता लाएगी जिसके तहत एक स्ट्रीम के विद्यार्थी अन्य की तुलना में बेहतर समझे जाते हैं। स्ट्रीम अवरोधों को हटाने के कारण अब कोई भी विद्यार्थी किसी भी स्ट्रीम के किसी भी विषय को ले सकता है। 

विद्यार्थियों ने बताया कि मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा का प्रावधान होने के कारण, अब विद्यार्थी अपनी जड़ों के करीब आएंगे और माता-पिता ट्यूशन प्रणाली पर निर्भरता के बजाय अपने बच्चों को पढ़ाने में अधिक सक्षम होंगे। यह शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी के कारण विद्यार्थियों के ड्रॉपआउट को भी रोक पाएगा।  उन्होंने कहा कि अब विद्यार्थियों के पास कई प्रवेश या निकास बिंदू हो सकते हैं।  विद्यार्थियों को महाविद्यालयों में डिग्री कार्यक्रम में एक वर्ष या दो वर्ष या पूर्ण 3/4 वर्ष पूरे करने पर क्रमश: प्रमाण पत्र, डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त होंगे।  इससे विद्यार्थियों के समय और धन की बचत होगी।

प्रतिभागियों ने नई 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली पर बात की, जो व्यावहारिक शिक्षा, व्यवसायिक कार्यक्रम, बहु-विषयक दृष्टिकोण, नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगी।  

प्रतिभागियों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि विदेशों से 200 संस्थानों को लाने का प्रावधान शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के परिणामस्वरूप विश्वविद्यालयों के बीच अधिक प्रतिस्पर्धा पैदा करेगा।

प्रतियोगिता के शीर्ष पांच विजेताओं में बी.टेक बीएमई की निवेदिता तथा बीएससी इकोनोमिक्स के संजू क्रमश: पहले तथा दूसरे स्थान पर रहे।  तीसरा स्थान बीटेक ईई की दीक्षा और एम.फार्मा की शुभ्रा ने प्राप्त किया।  बी.फार्मा की संगीता और बीएससी केमिस्ट्री की दीक्षू क्रमश: चौथे व पांचवें स्थान पर रहे। 

कार्यक्रम के समन्वयक बृजेश ने धन्यवाद प्रस्ताव किया।  संचालन नित्या ने किया।