फर्जी शादियां करवाने वाली संस्थाओं के खातों की जांच करवाए प्रशासन : संजय चौहान

प्रेम विवाह के नाम फर्जी शादियां करवाकर हो रही भारी धोखाधड़ी : चौहान
पुलिस प्रशासन व सीआईडी फर्जी शादियां करवाने वाली संस्थाओं पर लगाम लगाने में विफल : चौहान
हिसार, 17 अगस्त 2020 : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा फर्जी संस्थाओं, वकीलों व पुजारियोंं इत्यादि द्वारा करवाई जा रही शादियों को गैर कानूनी करार दिए जाने के बाद भी हिसार जिला प्रशासन के नाक के नीचे अब भी गैर कानूनी ढंग से प्रेमी जोड़ों की शादियां करवाई जा रही है। इसमें न केवल हिसार के कुछ वकील बल्कि कई ट्रस्ट भी शामिल हैं जो प्रेमी जोड़ों को शादी का फर्जी सर्टिफिकेट देकर उनसे मोटी रकम वसूल लेते हैं और रिश्वत देकर उन्हें पुलिस सुरक्षा तक मुहैया करवा देते हैं। जबकि हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत शादी हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार होनी चाहिए और उसे ही मान्य समझा जाएगा। हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत करवाई गई शादियों को पंजाब एंड हाई कोर्ट ने भी मान्य करार दिया है।  हाई कोर्ट ने चंडीगढ़, पंचकुला व मोहाली जैसे शहरों में तो इसे सख्ती से लागू कर दिया है लेकिन प्रदेश के अन्य शहरों में अब भी प्रेम विवाह करवाने के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है।
सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन संजय चौहान ने बताया कि माननीय हाई कोर्ट ने यह फैसले के बाद ऐसी संस्थाओं पर अंकुश लगना चाहिए था लेकिन सरकार व प्रशासन माननीय हाई कोर्ट की आदेशों की अनुपालना करने में नाकाम रहे हैं।
पुलिस प्रशासन व उसका सीआईडी विभाग भी ऐसी संस्थाओं व लोगों पर लगाम लगाने में विफल रहे हैं  जिसका खामियाजा प्रेमी जोड़ों को भुगतना पड़ रहा है पहले तो प्रेम विवाह करने वाले जोड़े इन लोगों के झांसें में आ जाते हैं और बाद में उन्हें पता चलता है कि उनकी शादी कानूनी तौर पर मान्य भी नहीं है जिससे वे अपना मैरिज रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाते और उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फर्जी शादी के कारण प्रेमी जोड़ों का जीवन भी बर्बाद हो जाता है शादी मान्य नहीं होने के कारण उन्हें उन्हें बिना कारण के कानूनी कार्यवाही से गुजरना पड़ता है। ऐसे अनेक मामले हैं जिनमें इसी तरह फर्जी शादी करवाने वालों के झांसे में आने के बाद उनकी ट्रस्ट के माध्यम से लव मैरिज करवाई है। संजय चौहान ने बताया कि इसके अलावा अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि का प्रावधान भी रखा गया है जिसके तहत अनुसूचित जाति व अन्य जाति में विवाह पर ढाई लाख रुपये दी जाती है वहीं डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा भी आर्थिक मदद दी जाती है। इसके अलावा रेडक्रॉस से भी सहायता मिलती है। इससे भी प्रेमी जोड़े वंचित रह जाते हैं।
संजय चौहान ने बताया कि उनकी ट्रस्ट द्वारा हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के तहत पूरी तरह से कानूनी रूप से मान्य शादी करवाई जाती है तथा प्रेमी जोड़ों को पुलिस सुरक्षा दिलाने में भी पूरी मदद की जाती है और अब तक ट्रस्ट द्वारा 518 शादियां हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के तहत करवाई जा चुकी हैं। इसके साथ ही ट्रस्ट द्वारा ऑनर कीलिंग की सूचना देने पर 5 लाख रुपये का इनाम दिया जाता है। इसके साथ ही ट्रस्ट अन्य सामाजिक कार्यों में निरंतर भागीदारी करती है जिसकी बाकायदा ऑडिट होती है। जबकि कुछ सामाजिक संस्थाएं कुछ वकीलों के साथ मिलकलर प्रेम विवाह के नाम गोरखधंधा चला रही हैं जिनका जांच के बाद कोई स्थाई पता भी नहीं मिलता और न ही इन ट्रस्टों द्वारा प्रेमी जोड़ों के फेरे व अन्य रीति रिवाज जो हिन्दू विवाह अधिनियम में शामिल हैं और अधूरे व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनकी शादी करवा दी जाती है जिससे प्रेमी जोड़े कानूनी दांवपेंच में फंस जाते हैं। खुद की शादी के प्रमाण पत्र को फर्जी पाए जाने पर प्रेमी जोड़े खुद को लुटा हुआ महसूस करते हैं और इस वजह से उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता भी नहीं मिल पाती।
संजय चौहान ने प्रशासन से मांग की कि माननीय हाईकोर्ट के फैसले का सख्ती से पालन करवाते हुए ऐसी संस्थाओं व वकीलों के रिकॉर्ड की जांच करें क्योंकि फर्जी शादियों के नाम करोड़ो का गोरखधंधा किया जा रहा है। वहीं इसमें शामिल संस्थाओं के पदाधिकारियों, वकीलों व पुजारियों पर कानूनी कार्यवाही कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए और फर्जी शादियां करवाने वाली संस्थाओं की जांच कर उनके खातों की पूर्ण जांच करवाई जाए।