कहा, वन नेशन, वन मार्केट से किसानों का जोखिम कम होगा, आर्थिक हालात में होगा सुधार
हिसार, 17 अगस्त।
केंद्र सरकार द्वारा किसान हित में लाए गए अध्यादेश काफी महत्वपूर्ण हैं और ये अध्यादेश खेती के जोखिम को कम करते हुए किसानों की आर्थिक दशा में सुधार के लिए अहम साबित होंगे। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा कि कृषि उपज, वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश किसानों को उनकी उपज देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था (एपीएमसी सहित) को बेचने की इजाजत देता है। यह अध्यादेश वन नेशन, वन मार्केट की दिशा में बेहद अहम है। किसान अपना प्रोडक्ट खेत में या व्यापारिक प्लेटफॉर्म पर देश में कहीं भी बेच सकते हैं, इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।
फोटो : श्री रणबीर सिंह गंगवा, डिप्टी स्पीकर, हरियाणा विधानसभा।
डिप्टी स्पीकर ने कहा कि एसेंशियल एक्ट 1955 में बदलाव अनाजों, दलहनों, खाद्य तेल, आलू और प्याज को अनिवार्य वस्तुओं की सूची से हटाकर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मुक्त कर देगा। यह अधिनियम निजी उद्यमियों को भरोसा और उन्हें इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इन सभी अध्यादेशों के जरिये सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का मकसद हासिल कर सकेगी।
उन्होंने फॉर्मर्स एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस ऑर्डिनेंस को भी किसान हित में बताते हुए कहा कि व्यावसायिक खेती के समझौते वक्त की जरूरत हैं। विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए, जो ऊंचे मूल्य की फसलें उगाना चाहते हैं, मगर पैदावार का जोखिम उठाते और घाटा सहते हैं। इस अध्यादेश से किसान अपना यह जोखिम कॉरपोरेट खरीदारों को सौंपकर फायदा कमा सकेंगे।