हिसार, 17 जुलाई।
जिला उपायुक्त एवं जिलाधीश डॉ. प्रियंका सोनी ने शुक्रवार को चिह्निïत अपराध, एसिड अटैक, एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज विभिन्न मामलों तथा पोक्सो एक्ट के अंतर्गत दर्ज आपराधिक मामलों की विवेचना को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने ऐसे सभी मामलों की बिंदुवार समीक्षा की। बैठक में हिसार के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया, हांसी के पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह सहित लॉ ऑफिसर्स, जेल अधीक्षक, जिला समाज कल्याण व जिला कल्याण विभाग के अधिकारी भी शामिल थे।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjrO7k6ZcTaOAj-ARPrlaVjFYjOkk8Bx3bKfdEPkFLTIFGdrgHt0iwsO1GT8vD5heTrZYUs8jpJw5Pt1S8R0oUINyTQ59eaMFopY2zCAnW8mgg_ZxNyMYeLITQffgSZLM265jVGFFvCtCmg/)
फोटो -बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश देतीं उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी।
डॉ. प्रियंका सोनी ने चिह्निïत अपराध व्यवस्था के तहत चयनित गंभीर और जघन्य प्रकृति के अपराधों की समीक्षा में विवेचना की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय-समय पर यह देखा जाएगा कि चिह्निïत अपराध व्यवस्था के तहत चयनित गंभीर और जघन्य प्रकृति के अपराधों की विवेचना विधिसंगत रूप से की गयी है एवं इसमें अपेक्षित वैज्ञानिक विधियों का भी प्रयोग विवेचक द्वारा किया गया है अथवा नहीं। इसका पीछे का मकसद यह है कि पीडि़त पक्ष को सुलभ व त्वरित न्याय मिल सके।
उन्होंने बताया कि महिलाओं, बच्चों एवं कमजोर वर्गों के विरूद्ध घटित हो रहे अपराध के अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार लाते हुए अपराधी की शीघ्रता से दोषसिद्धि सुनिश्चित करने के उददेश्य से चिह्निïत अपराध योजना प्रारंभ की गई थी। इसलिए पुलिस और लॉ ऑफिसर्स सहित सभी संबंधित अधिकारियों को बेहतर सामंजस्य के साथ पीडि़तों के प्रति संवेदना रखते हुए उन्हें शीघ्र-अतिशीघ्र न्याय दिलाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। जिले में प्राथमिकता के तौर पर महिलाओं, बच्चों एवं कमजोर वर्गों के विरूद्ध घटित अति संवेदनशील एवं गंभीर प्रकृति के लैंगिक अपराधों को चयनित कर प्रथम सूचना रिपोर्ट(एफआईआर)दर्ज होने से लेकर न्यायालयीन निर्णय तक न्यूनतम समयावधि में मॉनिटरिंग एवं विवेचना कार्यवाही पूर्ण की जाए।