यूनिक हरियाणा हिसार, 8 अप्रैल।
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि प्रशासन द्वारा जिला के विभिन्न स्थानों पर 1060 व्यक्तियों के ठहरने की क्षमता के 9 शेल्टर होम स्थापित किए गए हैं। इनमें फिलहाल 360 व्यक्ति रह रहे हैं जिन्हें किराया रहित आश्रय प्रदान किया जा रहा है।
जरूरतमंद व्यक्तियों को रेंट फ्री यानी किराया रहित आश्रय की सुविधाओं के संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त ने बताया कि जिला में 9 शेल्टर होम संचालित किए जा रहे हैं जिनमें 1060 व्यक्तियों के ठहरने की व्यवस्था है। इस समय इन शेल्टर होम्स में 360 व्यक्ति ठहरे हुए हैं। कैंट क्षेत्र में स्थित शौर्य पैलेस में 300 व्यक्तियों की क्षमता वाले शेल्टर होम में 113 व्यक्ति, वार्ड-5 स्थित ब्राह्मण धर्मशाला में 200 की क्षमता वाले शेल्टर होम में 60 व्यक्ति, इलाइट सिनेमा के पीछे विश्वकर्मा धर्मशाला में 100 व्यक्तियों की क्षमता वाले शेल्टर होम में 26 व्यक्ति, नगर निगम के 30 व्यक्तियों की क्षमता वाले स्थाई शेल्टर होम में 13 व्यक्ति, मंडी आदमपुर स्थित 60 व्यक्तियों की क्षमता वाली व्यापार मंडल धर्मशाला में 56 व्यक्ति, अग्रोहा स्थित 100 व्यक्तियों की क्षमता वाले राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 68 व्यक्ति, हांसी स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 50 व्यक्तियों की क्षमता वाले शेल्टर होम में 2 व्यक्ति, उकलाना में 200 व्यक्तियों की क्षमता वाले अग्रवाल सेवा सदन में 20 व्यक्ति तथा नारनौंद में 20 व्यक्तियों की क्षमता के रैन बसेरा शेल्टर होम में 2 व्यक्ति ठहरे हुए हैं।
इसके साथ ही उपायुक्त ने किराए पर रहने वाले व्यक्तियों व विभिन्न उद्योगों व वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के श्रमिकों को राहत प्रदान करने के संबंध में भी निर्देश जारी करते हुए कहा है कि ऐसे व्यक्तियों से मकान मालिक द्वारा एक माह तक किराए की वसूली के लिए दबाव न डाला जाए तथा लॉकडाउन अवधि के दौरान उद्योगों व वाणिज्य प्रतिष्ठानों में कार्य कर रहे श्रमिकों का वेतन न काटा जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अनुपालना न करने वालों के खिलाफ आपदा अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए इस संबंध में केंद्र व प्रदेश सरकारों द्वारा जारी आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने को कहा है।
उपायुक्त ने कहा कि कोरोना रोग के मद्देनजर इसे महामारी घोषित करते हुए प्रदेश में आपदा अधिनियम लागू किया गया है। इस दौरान लॉकडाउन करते हुए आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त सभी प्रकार की निर्माण व उत्पादन गतिविधियां भी बंद करवाई गई है। इसके चलते प्रवासी मजदूरों व दिहाड़ीदार व्यक्तियों का रोजगार बंद हो गया है। ऐसे व्यक्तियों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आवश्यक कदम उठाए हैं और जनहित में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि रोजगार बंद होने के कारण मजदूर वर्ग के लिए मकान का किराया देना मुश्किल हो सकता है इसलिए सभी मकान मालिक मानवता की भावना का परिचय देते हुए उन्हें तुरंत किराया देने के लिए विवश न करें और यदि वे किराया माफ न कर सकें तो आगे इसकी वसूली धीरे-धीरे किश्तों में करें। किराया न देने वालों को मकान छोड़ने के लिए भी विवश न किया जाए। ऐसा करने वाले मकान मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसी प्रकार औद्योगिक इकाइयां व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान भी उदारता का परिचय देते हुए काम बंद होने के बावजूद अपने श्रमिकों को पूरा वेतन दें ताकि उनके सामने खाने का संकट पैदा न हो।
उपायुक्त ने बताया कि काम बंद होने के बाद जो व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थानों पर जा रहे थे और अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचे थे उन्हें रास्तों में ही रोककर उनके लिए स्थापित किए गए शेल्टर होम में उनके रहने-खाने आदि की व्यवस्था की गई है। इनकी गतिविधियों से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा था इसलिए इन सबको आश्रय देकर शेल्टर होम्स में रखा जा रहा है। ऐसे व्यक्तियों के लिए हिसार शहर के अलावा, हांसी, नारनौंद, बरवाला, उकलाना व आदमपुर सहित सभी प्रमुख स्थानों पर शेल्टर होम बनाए गए हैं। यहां इन्हें रहने व खाने के अलावा इनके लिए योगासन-ध्यान व मनोवैज्ञानिक परामर्श का भी उचित प्रबंध किया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे लोगों के लिए सूखी राशन सामग्री व पके हुए भोजन की भी व्यवस्था की गई है जिनके सामने काम बंद होने के कारण खाने का संकट है। प्रतिदिन हजारों पैकेट तैयार भोजन जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है तथा झुग्गी-बस्तियों में रहने वालों को राशन सामग्री की किट भिजवाई जा रही हैं। इस कार्य मंे जिला की अनेक सामाजिक, धार्मिक व स्वयंसेवी संस्थाएं प्रशासन के साथ दिन-रात कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हुए मानवता का परिचय दे रही हैं। उपायुक्त ने इस मुश्किल घड़ी में सहयोग करने वाली प्रत्येक संस्था व व्यक्ति का आभार व्यक्त किया है।
किराएदारों को वसूली के लिए मजबूर न करें और श्रमिकों को किया जाए भुगतान- उपायुक्त