स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत आए तो तुरंत चेकअप करवाएं : उपायुक्त
हिसार, 15 जुलाई।

उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि जिला में कोरोना से निपटने और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था की गई है। यदि किसी व्यक्ति को बुखार, जुकाम, खांसी है या उसकी सूंघने की शक्ति खत्म हो गई है तो वह तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करे और नागरिक अस्पताल पहुंचकर अपना सैंपल देकर कोरोना जांच करवाएं।

उपायुक्त ने कहा कि कोरोना से बचकर रहना ही इसका सर्वोत्तम इलाज है। यदि जरूरी न हो तो घरों से बाहर निकलने से परहेज करें और दूसरों के संपर्क में आने से बचें। यदि बाहर निकलना भी पड़े तो मुंह पर मास्क जरूर लगाएं। मास्क लगाने से कोरोना संक्रमण से बचने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। मास्क न लगाने पर 500 रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है। इसलिए घर से बाहर, कार्यस्थल अथवा सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें। इसके अलावा बार-बार साबुन अथवा एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर से हाथ धोने से भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि कोरोना का इलाज संभव है लेकिन यदि हम लापरवाही बरतते हैं और इसकी शुरूआती अवस्था में ही इलाज शुरू नहीं करवाते हैं तो यह जानलेवा हो सकता है। कोरोना का वायरस पहले गले में पहुंचकर वहां अवरोध प्रकट करता है और धीरे-धीरे यह सांस लेने में समस्या पैदा कर देता है। इसके अलावा यदि यह फेफड़ों में पहुंच जाता है तो और भी अधिक घातक होता है। वायरस का हमला होते ही तुरंत इसकी जांच व इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज  को आसानी से ठीक किया जा सकता है। 

उन्होंने कहा कि हमें अपने आसपास ऐसे लोगों पर भी नजर रखनी चाहिए जो दिल्ली-मुंबई या अन्य किसी हॉट-स्पॉट राज्य अथवा जिलों से आए हों। ऐसे व्यक्तियों का तुरंत सैंपल लेना आवश्यक होता है ताकि इनके कारण इनके परिजनों व आस-पड़ोस के लोगों में संक्रमण न फैले। उन्होंने कहा कि महामारी अधिनियम के अंतर्गत बाहर से आने वाले व्यक्तियों को अपनी सूचना स्वयं स्वास्थ्य विभाग को देनी होती है। ऐसा न करने पर इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जिलावासी ऐसे व्यक्तियों की सूचना स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन को जरूर दें जो बाहर से आए हों लेकिन जिन्होंने अभी तक अपना कोरोना टेस्ट नहीं करवाया हो।