किसानों की दशा सुधारने के लिए सेवा व समपर्ण भाव से काम करें वैज्ञानिक : प्रोफेसर समर सिंह

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साइना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी एवं प्रशिक्षण शिक्षा संस्थान में वेबिनार का शुभारंभ


हिसार : 22 जुलाई
देश के किसान की दशा व दिशा सुधारने के लिए कृषि वैज्ञानिकों को सेवा व समर्पण भाव से काम करना चाहिए। उक्त विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहे। वे सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में ‘बागवानी:एक सफल उद्यमी होने का अवसर’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार के शुभारंभ अवसर पर किसानों व वैज्ञानिकों को संबोधित कर रहे थे। वेबिनार का आयोजन अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत व विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.एस. हुड्डा की देखरेख में किया जा रहा है। फोटो -वेबिनार में प्रतिभागियों को संबोधित करते विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह।


उन्होंने कहा कि कृषि के विविधिकरण से ही किसान की दशा व दिशा में सुधार होगा व देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे कृषि उद्यमियों से प्रेरणा लेकर बागवानी के साथ अन्य फसलें भी उगाएं और मूल्य संवर्धन करें। साथ ही ग्राम स्तर पर लघु उद्योग स्थापित कर कृषि स्वरोजगार को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ स्कीम के तहत धान न लगाने पर प्रोत्साहन स्वरूप कुछ राशि भी दी जाती है ताकि पानी को बचाकर व फसल चक्र अपनाकर जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सके। प्रोफेसर समर सिंह ने ग्रामीण युवाओं व महिलाओं से आह्वान् किया कि वे स्वयं सहायता समूह बनाकर अपना कोई रोजगार स्थापित कर स्वावलंबी बने। उन्होंने कहा कि महिलाएं विश्वविद्यालय में दिए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षण हासिल कर अचार बनाना, मुरब्बा बनाना, जैम व जैली तैयार करना सीख सकती हैं और उन्हें बिक्री कर अपनी आजीविका चला सकती हैं।
अर्जित ज्ञान का करें सदुपयोग
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने किसानों से कहा कि इस तरह के वेबिनार किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों में किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाती है। साथ ही विश्वविद्यालय के साथ जुडक़र खेती संबंधी आधुनिक व बेहतर तकनीकों की जानकारी भी मिलती है। इसलिए किसान ऐसे आयोजनों का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अर्जित ज्ञान का सुदपयोग करते हुए अन्य लोगों को भी प्रेरित करें। सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान की सह-निदेशक डॉ. मंजू दहिया ने बताया कि तीन दिवसीय इस ऑनलाइन वेबिनार में प्रदेश के विभिन्न स्थानों से किसान जुडक़र कृषि संबंधी जानकारी हासिल करेंगे। उन्होंने बताया कि पहले दिन लगभग 23 किसानों ने ऑनलाइन वेबिनार से जुडक़र सवाल-जवाब किए व कृषि संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि वेबिनार के संयोजक डॉ. सुरेंद्र सिंह हैं जबकि डॉ. भूपेंद्र सिंह सहायक-निदेशक हैं।