हिसार, 6 जून।
हरियाणा के पुरातत्व-संग्रहालय एवं श्रम-रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक ने कहा कि प्रदेश में पुरातात्विक महत्व की इमारतों एवं ऐतिहासिक स्मारकों को पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए 76 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
राज्यमंत्री अनूप धानक आज जहाज पुल के पास जहाज कोठी में बनाए गए क्षेत्रीय पुरातात्विक संग्रहालय का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने संग्रहालय में रखी गई पुरातात्विक महत्व की मूर्तियों व ऐतिहासिक वस्तुओं का अवलोकन किया और इस स्थान के सौंदर्यीकरण का कार्य तुरंत प्रभाव से शुरू करवाने के निर्देश विभाग की उप निदेशक बनानी भट्टाचार्य को दिए।
राज्यमंत्री अनूप धानक ने कहा कि प्रदेश में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा ऐतिहासिक महत्व के स्थानों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसके माध्यम से एक तरफ जहां आमजन को इन पुरातन इमारतों के ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानने का मौका मिलेगा वहीं इससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि पुरातात्विक महत्व की इमारतों को विकसित करने के लिए विभाग के पास उपलब्ध बजट का सदुपयोग किया जाएगा।
क्षेत्रीय पुरातात्विक संग्रहालय के निरीक्षण के दौरान पुरातत्व विभाग की उप निदेशक बनानी भट्टाचार्य ने बताया कि लगभग 2 एकड़ क्षेत्रफल में बने इस संग्रहालय में प्रदेश के विभिन्न जिलों में खुदाई से निकली ऐतिहासिक मूर्तियों व अन्य वस्तुओं को संरक्षित किया गया है। यहां अग्रोहा, राखी गढ़ी, बनावली, रोहतक, कुरुक्षेत्र, कुनाल, पेहोवा, सोनीपत व हांसी सहित विभिन्न स्थानों से प्राप्त ऐतिहासिक महत्व की वस्तुओं को देखने के लिए इतिहास प्रेमी दूर-दूर से आते हैं।
राज्यमंत्री ने कहा कि हमें आने वाली पीढि़यों को देश-दुनिया के इतिहास से रूबरू करवाने के लिए बच्चों को ऐसे स्थानों का अधिक से अधिक भ्रमण करवाना चाहिए। ऐसे स्थानों में आमजन की रुचि को बढ़ाने के लिए पुरातात्विक महत्व की इमारतों को विकसित करने का कार्य शुरू करवाया जाएगा। इसकी शुरूआत उन्होंने जहाज कोठी से करवाने के निर्देश दिए।
राज्यमंत्री ने संग्रहालय में स्टाफ की उपलब्धता और अन्य जरूरतों के संबंध में जानकारी लेते हुए कहा कि अधिकारी इस स्थान को विकसित करने की कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने मौके पर ही पीडब्ल्यूडी बीएंडआर के अधीक्षक अभियंता को फोन करके इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर शुरू करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संग्रहालय का भव्य प्रवेश द्वार बनवाया जाएगा और इसके बाहर एन्टिक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानें विकसित की जाएंगी। इसके अलावा संग्रहालय के अंदर गेस्ट हाउस, कैफेटेरिया, अधिकारियों-कर्मचारियों के कार्यालय तथा आगंतुकों के लिए विश्राम स्थल भी बनवाए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यहां अंडरग्राउंड वाटर टैंक बनवाकर पानी का कनेक्शन लगवाया जाए और ओपन स्पेस में फव्वारे आदि लगवाए जाएं। उन्होंने कहा कि अधिकारी संग्रहालय के सौंदर्यीकरण के लिए हर जरूरी कार्य को कार्ययोजना में शामिल करें।
इस अवसर पर विभाग के सहायक निदेशक राघवेंद्र कुमार राय, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सुरेंद्र सैनी व डॉ. अजीत कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
प्रदेश में पुरातात्विक महत्व की इमारतों को 76 करोड़ रुपये से पर्यटन केंद्रों के रूप में किया जाएगा विकसित: राज्यमंत्री