एमडीयू की एमपीएड व बीपीएड डिग्री को मिली मान्यता

रोहतक: एमडीयू के बीपीएड व एमपीएड विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। अब वे दूसरे प्रदेशों में सरकार नौकरी कर सकेंगे। इसके लिए एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन) ने उनकी डिग्री को मान्यता दे दी है। अब तक मान्यता नहीं मिलने की वजह से उनकी डिग्री बेकार थी। अमर उजाला ने विद्यार्थियों की यह समस्या प्रमुखता से उठाई थी। इसके बाद विवि प्रशासन ने मंजूरी के लिए कागजी कार्रवाई अमल में लाई।


1150 विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
एमडीयू के शारीरिक शिक्षा विभाग से वर्ष 2000-01 से 2017-18 तक डिग्री पाने वाले करीब 1150 विद्यार्थियों को एनसीटीई की मंजूरी का लाभ मिलेगा। अब तक ये विद्यार्थी अपनी डिग्री का सदुपयोग नहीं कर पा रहे थे। लेकिन अब इस डिग्री के आधार पर उन्हें दूसरे प्रांतों में सरकारी नौकरी मिल सकेगी।


सत्र 2018-19 के लिए विवि ने किया पत्राचार


एमडीयू प्रशासन ने वर्ष 2018-19 के विद्यार्थियों की डिग्री को लेकर भी एनसीटीई से पत्राचार किया है। इस वर्ष के विद्यार्थियों की डिग्री को भी मान्यता देने की अपील की गई है। इसके तहत नियमानुसार शुल्क व दस्तावेज जमा कराए जाने का दावा किया गया है।


वर्ष 2019 के बाद नहीं हुआ दाखिला
विवि के शारीरिक शिक्षा विभाग में फिलहाल बीपीएड व एमपीएड के नए दाखिले बंद हैं। यहां वर्ष 2019 के बाद से किसी को प्रवेश नहीं दिया गया है। ये विषय फिलहाल विवि में नहीं पढ़ाए जा रहे हैं।


विवि के शारीरिक शिक्षा विभाग की बीपीएड व एमपीएड डिग्री को एनसीटीई ने मंजूरी दे दी है। अब इन डिग्रियों को कोई अस्वीकार नहीं कर पाएगा। इससे वे सरकारी नौकरी के लिए भी आवेदन कर पाएंगे। एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह के प्रयास से यह संभव हो पाया है-प्रो. आरपी गर्ग, एचओडी, शारीरिक शिक्षा विभाग, एमडीयू।


विवि की बेहतरी के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। यहां कार्यभार संभालने से पहले शारीरिक शिक्षा विभाग की डिग्री की मान्यता नहीं होने का मामला सामने आया था। इस ओर प्रयास किया गया। एनसीटीई ने मान्यता देकर विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है-प्रो. राजबीर सिंह, कुलपति, एमडीयू।