पृथ्वी की पुन:स्थापना के लिए करने होंगे प्रयास : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

 विश्व पृथ्वी दिवस पर विश्वविद्यालय के किसान छात्रावास के प्रांगण में किया पौधारोपण

हिसार : 22 अपै्रल
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि पृथ्वी जो कि सभी जीवों का पोषण करती है, मगर प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के कारण पर्यावरण में असंतुलन बढ़ रहा है, जिसकी वजह से स्थिति दयनीय होती जा रही है। ऐसे में हमेें पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों को समझना पड़ेगा और इसे बेहतर बनाने में योगदान देना होगा। लगातार वृक्षों की कटाई, प्रा$कतिक संसाधनों के साथ छेड़छाड़, अंधाधुंध रसायनिक खाद, कीटनाशकों, खरपतवानाशी व प्लास्टिक के प्रयोग से हमारी धरती का स्वरूप एवं पर्यावरण खराब होता जा रहा है। ऐसे में इसे बचाए रखने के लिए समाज को अहम कदम उठाते हुए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। ये विचार उन्होंने विश्व पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के किसान छात्रावास के प्रांगण में पौधारोपण करने के उपरांत कहे। कार्यक्रम का आयोजन भू-दृश्य इकाई के नियंत्रण अधिकारी डॉ. देवेंद्र दहिया की देखरेख में किया गया। प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि पहली बार 22 अप्रैल 1970 को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया था। आगे चलकर इस दिन को मनाने के निर्णय को विश्व के लगभग सभी देशों ने स्वीकार किया और बदलते पर्यावरण की समस्या की गंभीरता को देखते हुए इसे प्रतिवर्ष विश्वभर में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष विश्व पृथ्वी दिवस के लिए एक विषय निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष की थीम पृथ्वी को पुन: स्थापित करना रखा गया है

। पृथ्वी को स्वस्थ व पहले की तरह बनाने के लिए हम सभी का कर्तव्य है कि अपनी धरती को हरा-भरा और बेहतर बनाने का संकल्प लेना पड़ेगा ताकि संसार के सभी पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों एवं जंतुओं की जैव विविधता का संरक्षण किया जा सके। उन्होंने बताया कि खुशहाल धरती, मानव स्वास्थ्य व संतुलित पर्यावरण के लिए जैव विविधता का होना बहुत जरूरी है। इस शुभावसर पर पौधारोपण करने व संदेश देने के लिए डॉ. देवेंद्र सिंह दहिया ने कुलपति महोदय का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे तथा पौधारोपण किया।