एमएसपी व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी और एपीएमसी मंडियां भी कायम रहेंगी- डिप्टी स्पीकर कहा, प्रदेश के किसानों को एसवाईएल के हक से वंचित करने की चल रही है साजिश

 हिसार, 18 दिसंबर।

हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा कि तीनों नए कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हक में हंै। उन्होंने कहा कि एमएसपी व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी, एपीएमसी मंडियां कायम रहेंगी क्योंकि ये नए कृषि कानून की परिधि से बाहर हैं। इसी प्रकार से किसानों की जमीन भी पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि एग्रीमेंट फसल के लिए होगा ना कि जमीन के लिए।
वे आज स्थानीय लोकनिर्माण विश्राम गृह में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान आंदोलन को लेकर विपक्ष यह चाहता है कि यह मसला बातचीत से ना सुलझे। उन्हें इस बात का पता है कि यदि देश के सभी जटिल मुद्दों को वर्तमान सरकार हल करती चली गई तो उनके लिए राजनीति का कोई आधार ही नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आंदोलन के कारण न केवल आम जनता को परेशानी हो रही है बल्कि प्रदेश के किसान भी काफी परेशान है। इस समय किन्नू व अन्य फसलों को दिल्ली व अन्य स्थानों पर नही भेज पा रहे हैं।  


फोटो : स्थानीय लोकनिर्माण विश्राम गृह में  पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा।
डिप्टी स्पीकर ने कहा कि एसवाईएल का 19 लाख एकड़ फुट पानी प्रदेश के किसानों का अधिकार है और सुप्रीम कोर्ट भी उनके हक में निर्णय दे चुका है। कांग्रेस और अन्य विप्क्षी दल नही चाहते कि प्रदेश के किसानों को यह पानी मिल,े इसलिए आंदोलन की आड़ में इस रोकने के लिए भी एक बड़ी साजिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने किसानों को पिछले छह साल में एमएसपी के जरिए लगभग दोगुनी राशि किसानों के खाते में पहुंचाई, वह सरकार एमएसपी को कभी बंद नहीं करेगी। नए कानून से किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य मिलेगा, क्योंकि एग्रीमेंट में जो भी मूल्य दर्ज होगा वही किसानों को मिलेगा, उस मूल्य का भुगतान भी तय समय सीमा के अंदर होगा और किसान किसी भी समय, बिना किसी जुर्माने के कॉन्ट्रैक्ट को खत्म भी कर सकते हैं।  डिप्टी स्पीकर ने कहा कि  इन कानूनों को लेकर देश में दो दशकों तक विचार-विमर्श हुआ है और उसके बाद ही इन्हें लागू किया गया है।
किसानों को सावधान करते हुए डिप्टी स्पीकर ने कहा कि विपक्षी दलों और कुछ संगठन अपनी राजनीति के लिए उन्हें भ्रम मेें डाल रहे हैं। इसलिए वे राजनीतिक स्वार्थ के लिए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ फैलाये जा रहे भ्रम से बचें। ऐसे लोग सरकार और किसानों के बीच भ्रम की दीवार खड़ी करने की कोशिश कर रहें है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि में नये अध्याय की नींव बनेंगे और किसानों को बंधन से निकालकर सशक्त करेंगे। जमीन पर किसान का मालिकाना हक सदैव रहेगा और किसानों की एक इंच जमीन भी नहीं छिनने दी जाएगी। किसानों को खुले बाजार में अच्छे दाम पर फसल बेचने का विकल्प मिलेगा। खेती के करार फसलों के लिए होंगे, जमीन के लिए नहीं, किसान जब चाहें करार खत्म कर सकते हैं।  
मंडियां भी इन कानून के दायरे से बाहर हैं। नए कानून लागू होने के बाद इस बार एमएसपी पर सरकारी खरीद के भी पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। सरकार एमएसपी पर खरीद के लिए नए रिकॉर्ड बना रही है, खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दी जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की वो राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित कुछ लोगों द्धारा फैलाए जा रहे इस सफेद झूठ को पहचानें। एपीएमसी व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जा रहा है और कृषि उपज मंडियां पहले की तरह काम करती रहेंगी। बीते 5 वर्षों में कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं और उन्हें आने वाले समय में और आधुनिक बनाया जाएगा। इस अवसर पर हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा, मंडल अध्यक्ष अन्वेश यादव, बलजीत फौगाट, सुनीता रेड्ïडु, रत्न सैनी सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे।