मॉक ड्रिल : भारत गैस प्लांट में बड़ा हादसा, गैस के रिसाव के बाद आग लगी

एनडीआरएफ की टीम ने घटना पर काबू पाया, 17 लोग घायल

ड्रिल के दौरान उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की
हिसार, 18 दिसंबर।
धांसू रोड स्थित भारत गैस प्लांट में बुलेट एलपीजी टैंकर से टैंक लोरी गैंटरी में गैस डिस्चार्ज करते समय वॉल लिकेज होने से बड़ा हादसा हो गया। इस दौरान गैस के रिसाव के बाद आग लग गई। आग लगते ही एमरजेंसी अलार्म बजाया गया। प्लांट के कर्मियों ने अपने स्तर पर रिसाव को रोकते हुए आग पर काबू पाने के भरसक प्रयास किए लेकिन स्थिति बिगड़ते देख जिला प्रशासन व संबंधित विभागों को सूचित किया गया। जिला प्रशासन की सूचना पर फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, राज्य आपदा प्रबंधन बल(एसडीआरएफ), सिविल डिफेंस, औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा पुलिस विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई। इसके साथ ही गाजियाबाद में एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन को भी सुचित किया गया। सूचना पर एनडीआरएफ के डिप्टी कंमाडेंट आदित्य प्रताप सिंह पूरी तैयारियों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रयास शुरू किए। काफी मशकत के बाद घटना पर काबू पा लिया गया। इस दौरान 17 लोग घायल हुए, जिन्हें प्लांट परिसर में बनाए गए अस्थाई मेडिकल पोस्ट में प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल भेज दिया गया।
दरअसल यह सारा घटनाक्रम भारत गैस प्लांट में हुई मॉक ड्रिल का हिस्सा था। ड्रिल के दौरान आपदा घोषित होते ही प्लांट के अंदर बनाए गए स्टेजिंग एरिया में सभी संसाधन तथा बचाव उपकरण व मशीनरी एकत्रित की गई। प्लांट परिसर में ही एमरजेंसी आप्रेशन सेंटर भी बनाया गया था। एनडीआरएफ की टीम ने सबसे पहले गैस के प्रभाव का आंकलन किया और इसके बाद राहत व बचाव कार्य आरंभ कर दिए।




फोटो  : मॉक ड्रिल के  दौरान राहत व बचाव कार्यों में लगे एनडीआरएफ के अधिकारी एवं कर्मचारी।
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने पूरी ड्रिल का जायजा लिया और राहत व बचाव के लिए विभिन्न उपायों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि हिसार में भारत गैस प्लांट सहित कुल चार इकाईयां ऐसी हैं, जिन्हें कैमिकल, रेडिएसन, न्यूक्लियर तथा बॉयोलोजिकल खतरों को लेकर चिन्हित किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि मॉक ड्रिल का आयोजन भारत गैस प्लांट, प्रशासनिक विभागों व एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल का आंकलन करने के लिए किया गया था। साथ ही इसका मकसद ऐसी इकाईयों में काम करने वाले कर्मियों को आपदा की स्थिति में सुरक्षित बाहर निकलने तथा स्थिति को नियंत्रित करने के बारे में प्रशिक्षित भी करना था। एनडीआरएफ की टीम के द्वारा जिला आपदा प्रबंधन बल के सदस्यों तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। एनडीआरएफ के डिप्टी कंमाडेंट आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देशों पर विभिन्न स्थानों पर इस प्रकार की मॉक ड्रिल आयोजित होंगी, ताकि कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों व आमजनता को ऐसी परिस्थितियों में स्वयं की सुरक्षा तथा दूसरों की मदद करने के तौर-तरीकों से अवगत करवाया जा सके। इस अवसर पर जिला  राजस्व अधिकारी राजबीर धीमान, भारत गैस प्लांट के टेरिटरी मैनेजर मैनांक मुखर्जी, प्लांट इंचार्ज मानबाशीष मुखर्जी, सेफ्टी ऑफिसर नीतिन बजाज, एनडीआरएफ से अमित त्यागी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।