सामुदायिक रेडियो स्टेशन के प्रसारणों का कृषि विकास में होगा महत्वपूर्ण योगदान : कुलपति प्रोफेसर समर सिंह

 विश्वविद्यालय व किसानों के बीच एक नई व मजबूत संचार की प्रक्रिया का शुभारंभ होगा : कुलपति

एचएयू के कुलपति ने कृषि विज्ञान केंद्र रोहतक व झज्जर के सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का किया उद्घाटन
हिसार : 1 दिसंबर 2020
सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के प्रसारणों का कृषि विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा। इन स्टेशनों पर किसानों को ध्यान में रखकर कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। इन पर प्रसारित कार्यक्रमों के माध्यम से किसान सम-सामयिक विषयों पर संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। ये चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहे। वे विश्वविद्यालय के रोहतक व झज्जर में स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों पर सामुदायिक रेडियो स्टेशन के विधिवत उद्घाटन के बाद बोल रहे थे। इन रेडियो स्टेशनों को अब किसानों के लिए समर्पित कर दिया गया है। इन सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को हरियाणा सरकार के सहयोग से स्थापित (आत्मा स्कीम के तहत) स्थापित किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि इनसे किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम, मौसम सम्बन्धी जानकारी, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह, पशुपालन एवं गृह विज्ञान से संबंधित नवीनतम जानकारी प्रदान की जाएगी। ये रेडियो स्टेशन स्थानीय संस्कृति, कला एवं ज्ञान को भी बढ़ावा देंगे तथा किसानों की आय दोगुना करने में माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उदेश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगें। उन्होंने बताया कि इन स्टेशनों पर महिलाओं को स्वावलंबी व स्वरोजगारोन्मुखी बनाने संबंधित कार्यक्रम भी सुव्यविस्थत तरीके से अधिक से अधिक प्रसारित किए जाएंगे।


छह कृषि विज्ञान केंद्रों पर स्थापित किए गए हैं सामुदायिक रेडियो स्टेशन
विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक शिक्षा डॉ. आर.एस. हुड्डा ने बताया कि भारत सरकार व हरियाणा सरकार की सहायता से इस तरह के छ: सामुदायिक रेडियो स्टेशन विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों पर स्थापित किए गए हैं। इनमें रोहतक, झज्जर के अलावा पानीपत, कुरूक्षेत्र, जींद व सिरसा में भी स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि रोहतक व झज्जर के अलावा बाकि चार सामुदायिक रेडियो स्टेशन भी जल्द ही किसानों को समर्पित कर दिए जाएंगे। कृषि विज्ञान केन्द्र झज्जर के संयोजक डॉ. यू.के. शर्मा व रोहतक के संयोजक डॉ. मीना सिवाच ने बताया कि ये रेडियो स्टेशन प्रतिदिन 2 घंटे सुबह (9:30-11:30 बजे) व दो घंटे सायंकाल (2:30-04:30 बजे) किसानों के लिए कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। इन सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की रेंज 15-20 किलोमीटर तक होगी। इस अवसर विश्वविद्यालय के प्रबंधक मंडल के सदस्य आनंद सागर व कृषि विज्ञान केंद्रों के अधिकारियों के अलावा किसान भी मौजूद थे।

विश्वविद्यालय का सामुदायिक रेडियो स्टेशन 2009 से किसानों की सेवा में

किसानों को विश्वविद्यालय द्वारा मौसम व कृषि संबंधी अधिक से अधिक  जानकारी व लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय में 29 नवंबर 2009 को सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना की गई और एफ.एम. 91.2 मैगाहर्टज पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने शुरू कर दिए। तब से लेकर लगातार किसानों को समय-समय पर मौसम, कृषि, विस्तार एवं शिक्षा सहित विभिन्न जानकारियां प्रसारित की जा रही हैं। समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों के पैनल द्वारा किसानों को कृषि संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए रेडियो स्टेशन पर बुलाया जाता है और साथ ही किसानों के सवालों के जवाब देकर उनकी समस्याओं के समाधान भी किए जाते हैं। सामुदायिक रेडिय़ो स्टेशन द्वारा प्रसारित कार्यक्रमों व जानकारियों को प्राप्त कर किसान कृषि के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं।