प्लास्टिक को अपने जीवन से बाहर करें शहरवासी - मेयर गौतम सरदाना


- कचरा प्रबंधन को लेकर कर्मचारियों में संवेदनशीलता व दृष्टिकोण में बदलाव लाना जरूरी - निगम आयुक्त अशोक गर्ग
- कचरा प्रबंधन के लिये लोगों की सोच में बदलाव लाना जरूरी है - मुख्य वक्ता अजय सिन्हा
ओपन एयर थियेटर में निगम व पालिकाओं के अधिकारियों को कचरा प्रबंधन के प्रति किया जागरूक

हिसार। 7 अक्टूबर
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंव स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के अंर्तगत जिंदल ज्ञान केंद्र के ओपन एयर थियेटर में बुधवार को नगर निगम प्रशासन द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बतौर मुख्यवक्ता अजय सिन्हा जी पहुंचे। कार्यशाला की अध्यक्षता मेयर गौतम सरदाना, निगम आयुक्त अशोक गर्ग ने की। कार्यशाला में हांसी, नारनौंद, बास, सिसाय, उकलाना व बरवाला से पालिकाओं के अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता अजय सिन्हा ने कचरा प्रबंधन के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि घरों से निकलने वाली पूजा सामग्री हमारे लिये शुरू होती है और घर की रसोई आदि से निकलने वाली चीजों को हम अशुद्ध मानते है। दोनों चीजें में भेदभाव करने की जरूरत नहीं है। कचरा भी शुरू होता है। बस, उसका निस्तारण हमें आना चाहिये।
हमें लोगों व समुदाय की सोच में बदलाव लाना होगा। लोगों में जब प्लास्टिक आदि के प्रति घृणा का भाव पैदा होगा। कचरे में अपने आप कमी आ जाएगी। आज के समय में कचरा प्रबंधन में लोगों को रोजगार मिल रहा है। 95 फीसद कचरा पुन: प्रयोग में लाने योग्य है। किचन वेस्ट से खाद बनती है तो प्लास्टिक व अन्य चीजों को बाजार में बेचा जा सकता है। अनुमान अनुसार 5 से 7 रूपये प्रति किलो के हिसाब से कचरा बिकता है। ऐसे में नगर निगम के प्रतिदिन निकलने वाले 180 टन कचरे की कीमत आप लोग लगा सकते है। सही तरह से गणना करें तो कचरे से ही सभी प्रकार के खर्च पूरे हो जाएंगे और यूजर चार्ज प्रशासन के पास बचत के रूप में आयेगा। जिससे सभी की सैलरी निकल सकती है। उन्होंने कहा कि हम कूड़े को डंपिंग स्टेशन पर डाल देते है और बड़े बड़े पहाड़ खड़े हो जाते है। इनसे निकलने वाली मीथेन गैस ओजोन परत को नुकसान पहुुंचाती है, जो पर्यावरण व मनुष्य दोनों के लिये घातक है। साल 1970 से पहले कभी भी कचरे के पहाड़ देखने को नहीं मिलते थे। लोग कचरा पैदा ही नहीं करते थे, क्योंकि उस दौर में घर से निकलने वाला कचरा कचरा होता ही नहीं था। वह खाद होती थी। लेकिन जब से प्लास्टिक आया है तब से घर से निकलने वाला अच्छा कचरा भी कूड़ा बन गया है। इसलिये हमें लोगों और समुदाय को प्लास्टिक व स्वच्छता के प्रति जागरूक करना होगा। जिस दिन शहरवासी जागरूक हो जाएंगे। शहर में कचरा अपने आप खत्म हो जाएगा।
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मेयर गौतम सरदाना ने कहा कि जनता व निगम को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। असल में जनता कचरा फैलाती है और नगर निगम कचरे को उठाता है। मेरी जनता से अपील है कि कचरा फैलाना कम करें। उन्होंने कहा कि अजय सिन्हा जी ने हमें बताया कि सेग्रीगेशन के बाद कूड़ा प्रति किलो 5 से 7 रूपये में बिकता है। इस दिशा में कार्य करते हुये हमें मोहल्ले व गलियों में कमेटियों का गठन करना चाहिये। जिससे कचरा प्रबंधन की दिशा में कार्य किया जा सके। मौजूदा समय में रैग पिकर इस दिशा में कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रत्येक वार्ड का कचरा उसी वार्ड में खत्म हो। इसको लेकर प्रत्येक वार्ड में कंपोस्ट प्लांट लगाया जाएगा। जनता से अपील है कि वह प्लास्टिक को अपने जीवन से बाहर करें। प्लास्टिक आने से पूर्व हम कपड़े के थैले का प्रयोग करते थे। मौजूदा समय में भी हमें कपड़े के थैले का प्रयोग करना चाहिये। प्लास्टिक को घर में प्रवेश न करनें दे।
निगम आयुक्त अशोक गर्ग ने कहा कि कोविड 19 को ध्यान में रखते हुये ओपन एयर थियेटर में स्वच्छता सर्वेक्षण व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया है। ठोस कचरा प्रबंधन के बारे में मुख्य वक्ता अजय सिन्हा जी ने हमें समझा है। उन्होंने सही कहा कि 1970 से पहले कचरा होता ही नहीं था। प्लास्टिक के आने बाद ही कचरा पैदा होना शुरू हुआ है। इसलिये हमें कचरा प्रबंधन करने की दिशा में कार्य करना होगा। कितने समय में कचरे का निस्तारण किया जा सकता है। इससे कहीं बढ़कर हमें कर्मचारियों में कचरा प्रबंधन को लेकर सवेंदनशीलता व दृष्टिकोण में बदलाव लाने की जरूरत है। जब ऐसा हो जाएगा, कचरा अपने आप कम हो जाएगा। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक वार्ड में कम से कम एक और अधिक से अधिक दो कंपोस्टिंग प्लांट लगने चाहिये। इस दिशा में हमारा कार्य जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही सभी वार्डो का कचरा उन्हीं वार्डों में खत्म किया जा सकेगा। जनता को सेग्रीगेशन की ओर ध्यान देना होगा।
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यह रहे कार्यशाला में उपस्थित
संयुक्त आयुक्त बैलिना, उप निगम आयुक्त डा प्रदीप हुड्डा, चीफ इंजीनियर रामजीलाल, कार्यकारी अधिकारी अमन ढांडा, हांसी सचिव राजेश मेहता, इंजीनियरिंग ब्रांच से एक्सईएन एचके शर्मा, एक्सईएन संदीप सिहाग, एक्सईएन जयवीर सिंह डूडी, एक्सईएन संदीप कुमार, एमई प्रवीण वर्मा, प्रवीण गंगवानी, सुनील लांबा, अमित बेरवाल, संदीप बैनीवाल, जेई गंगाधर, प्रवीण चौहान, प्रवीण कुमार, रामदिया शर्मा, कर्मपाल, सीएसआई सुभाष सैनी, एएसआइ राहुल, रोहित, सुरेंद्र हुड्डा व संदीप बिश्नोई, मनदीप के अलावा सफाई कर्मचारी मौजूद रहे।