फसलों के अवशेष जलाने की बजाए उनसे करें खुंब उत्पादन : डॉ. अजय सिंह यादव

हिसार : 24 अगस्त
किसान फसलों के अवशेष जलाने की बजाए वैज्ञानिक तरीक से उनसे खुंब का उत्पादन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। ये विचार महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय, करनाल के कुल-सचिव डॉ. अजय सिंह यादव ने कहे। वे चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के पौद्य रोग विभाग द्वारा खुम्ब उत्पादन तकनीक विषय पर आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदुषण बढ़ता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। किसान इन अवशेषों को जलाने की बजाए विभिन्न खुम्बों जैसे ढीगरी खुम्ब, दुधिया खुम्ब व धान के पुवाल की खुम्ब का उत्पादन करके लाभ कमा सकते हैं। डॉ. अजय सिंह यादव ने बताया कि खुम्ब एक संतुलित आहार है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 30-40 प्रतिशत तक पाई जाती है, इसलिये शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है। इसके इलावा इसमें आवश्यक अमीनो एसिड, खनिज, विटामिन इत्यादि प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। सब्जियों में विटामिन-डी खुम्ब में पाया जाता है। पौद्य रोग विभाग के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डॉ. अजित सिंह राठी ने खुम्ब उत्पादन करने के लाभ व बेरोजगार युवकों व युवतियों के लिए रोजगार का एक अच्छा स्त्रोत बताया। यह प्रशिक्षण विभाग के वैज्ञानिकों डॉ. सतीश कुमार मेहता व डॉ. राकेश कुमार चुघ की देखरेख में आयोजित किया गया। इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से 43 प्रतिभागी शामिल हुए। डॉ. राकेश चुघ ने ढ़ीगरी खुम्ब व कार्डिसैप खुम्ब के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने बताया कि ढ़ीगरी खुम्ब को पैदा करना आसान है और इसका उत्पादन भी 20-25 दिनों में लिया जा सकता है। कीड़ा जड़ी खुम्ब के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक मंहगी बिकने वाली खुम्ब है तथा इसका प्रयोग दवाई की तरह किया जा सकता है।
स्वरोजगार के रूप में अपनाएं युवा : बाजवा
इस प्रशिक्षण में अग्रणी खुम्ब/स्पान उत्पादक सरदार हरपाल सिंह बाजवा ने बताया कि प्रदेश के युवक व युवतियां सरकारी नौकरी के लिए इधर-उधर भटकने की बजाए खुम्ब उत्पादन/प्रसंस्करण को एक स्वरोजगार की तरह अपनाएं व आत्म निर्भर बनें। विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. आर.एस. टाया ने खुम्ब में होने वाले रोगों व उनके प्रबन्धन विषय पर विस्तार से बताया। सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. सतपाल गोयल ने कम लागत से सफेद बटन मशरूम उत्पादन के गुर बताए। डॉ. गुरजीत सिंह ने दुधिया खुम्ब उत्पादन तकनीक पर जानकारी दी। विभाग के अन्य वैज्ञानिकों डॉ. मनमोहन सिंह व जगदीप सिंह ने खुम्ब उत्पादन के विभिन्न विषयों पर अपना व्याख्यान दि