कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने पर 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान : उपायुक्त
हिसार, 13 अगस्त ।   

जिले में वर्ष 2020-21 के दौरान फ सल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत फ सल अवशेषों को खेत में मिलाने व अन्य प्रबंधन करने हेतु व्यक्तिगत श्रेणी में किसानों को 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है।

उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया है कि जमीन की उर्वरा शक्ति बनाए रखने तथा पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा फसल अवशेषों (खासकर धान के अवशेषों) को खेतों में/खेतों से बाहर मशीनों द्वारा प्रबंधन के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाएगा। इसमें नौ प्रकार से कृषि यंत्र व मशीनों जैसे, सुपर स्ट्रा मनेजमेंट (सामान्य 4 एवं अनुसूचित जाति 1), हैप्पी सीडर (सामान्य 4 एवं अनुसूचित जाति 1), पैडी स्ट्रा चौपर/मल्चर/बेलर/रोटरी सलेसर (सामान्य 9), क्रोप रीपर, ट्रैक्टर चालित, स्वचलित (सामान्य 8 एवं अनुसूचित जाति 1), रिवर्सिबल एमबी प्लाउ (सामान्य 2), जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल मशीन (सामान्य 31 एवं अनुसूचित जाति 5), सुपर सीडर (सामान्य 4 एवं अनुसूचित जाति  1), बेलिंग मशीन (सामान्य 20 एवं अनुसूचित जाति 6), शर्ब मास्टर/स्लेसर लक्ष्य (सामान्य 20 एवं अनुसूचित जाति 5) पर एक किसान अधिकतम विभिन्न प्रकार की तीन मशीन ले सकता है।

उन्होंने बताया कि अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए किसान ने पिछले दो साल में उपरोक्त मशीन पर किसी भी स्कीम के तहत अनुदान नहीं लिया हो। ट्रैक्टर चलित मशीनों के लिए हरियाणा राज्य में रजिस्टर्ड आरसी का होना तथा मेरी फ सल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत लक्ष्यों से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर चयन ड्रा द्वारा जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी (डीएलइसी) द्वारा किया जाएगा। 

     उपायुक्त ने बताया कि इसके अलावा जिले में कस्टम हायरिंग सेंटर के 25 लक्ष्य सामान्य तथा 6 लक्ष्य अनुसूचित जाति के लिये निर्धारित किए गए हैं, जिस पर 80 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए पंजीकृत किसान समिति एफओपीएस, किसानों की सहकारी समितियां एवं पंचायतें आवेदन कर सकती हैं। कस्टम हायरिंग सैंटर कलस्टर के अनुसार स्थापित किए जाएंगे। 

उन्होंने बताया कि इस योजना में उन गांवों के किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी जिसमें ज्यादा एएफएल/आगजनी हुई है। कस्टम हायरिंग सेंटर पर 5 लाख से 15 लाख तक प्रोजेक्ट कीमत ले सकते हैं, जिसमें कम से कम 35 प्रतिशत कृषि यंत्र/मशीन फ सल अवशेष प्रबंधन (उपरोक्त नौ मशीनों में से) खरीदने अनिवार्यं हैं तथा इसके अतिरिक्त अन्य मशीन खरीदी जा सकती हैं। किसान अपनी पंसद के निर्माता से कृषि यंत्र/मशीन खरीद सकते हैं जो हरियाणा सरकार की अनुमोदित सूची में हों। योग्य आवेदक आगामी 21 अगस्त तक डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीहरियाणासीआरएम डॉट सीओएम पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इससे संबंध आवेदक अधिक जानकारी के लिए उप कृषि निदेशकर/सहायक कृषि अभियंता के कार्यांलय से सूचना प्राप्त कर सकता है।