चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप : प्रोफेसर के.पी. सिंह

हिसार : 1 जुलाई 2020
चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप होता है। मौजूदा समय में जारी कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों में चिकित्सकों ने इसे ओर सार्थक सिद्ध भी कर दिया है। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की बधाई देते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस को एक जुलाई को देश के महान चिकित्सक और पश्चिमी बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय की जन्मतिथि और पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी याद में मनाया जाता है। इसके अलावा यह खास दिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले उन तमाम चिकित्सकों को समर्पित है जो हर परिस्थिति में चिकित्सीय मूल्यों को बनाए रखते हुए व अपना फर्ज निभाते हुए मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैया करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सबसे पहले भारत सरकार की ओर से यह दिन वर्ष 1991 में मनाया गया था। प्रोफेसर के.पी. सिंह ने कहा कि कोविड-19 के चलते देश के चिकित्सक, ‘फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स’ की भूमिका अदा कर रहे हैं। वे न केवल जिंदगी ओर मौत के बीच संघर्ष कर रहे लोगों का इलाज कर रहे हैं, बल्कि उन्हें नया जीवन भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ चिकित्सकों, नर्सों, सुरक्षा कर्मी, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी सहित सामाजिक कार्यकर्ता व संगठन भी इस महामारी के समय कोरोना योद्धाओं की भूमिका निभा रहे हैं और इनका ये प्रयास सराहनीय है।