नॉन फाइनल ईयर के छात्रों की तर्ज पर फाइनल ईयर के छात्रों को भी प्रोमोट करे जीजेयू यूनिवर्सिटी : नवदीप दलाल

- फाइनल ईयर के छात्रों को जनरल प्रोमोशन से वंचित रखा, विरोध में नवदीप दलाल ने लिखा जीजेयू के उपकुलपति को पत्र -
- हरियाणा के बाहर के छात्रों को जनरल प्रोमोशन का फायदा लेकिन हरियाणा के मूल निवासी छात्रों को नही  -


हिसार 17 जून :  आज एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश उपाध्यक्ष नवदीप दलाल ने गुरु जमेश्वर यूनिवर्सिटी के उपकुलपति को पत्र लिखकर नॉन फाइनल ईयर के छात्रों की तर्ज पर फाइनल ईयर के छात्रों को भी बिना परीक्षा लिए 50 प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन और 50 प्रतिशत अपने पिछले संचयी स्कोर देकर डिग्री देने का अनुरोध किया है।
एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश उपाध्यक्ष नवदीप दलाल ने बताया कि कोविड-19 के चलते हुए कक्षाएं नहीं लग पाई थीं, जिसको लेकर हरियाणा एनएसयूआई ने छात्रों को बिना परीक्षा लिए अगली कक्षा में प्रोमोट करने की मांग की थी। हरियाणा एनएसयूआई की मांग पर सभी नॉन फाइनल ईयर के छात्रों को प्रोमोट करने का फैसला भी लिया गया है जिसका हम खुले दिल से स्वागत करते हैं लेकिन इसमें हरियाणा में रहने वाले फाइनल ईयर के छात्रों को वंचित रखा गया। यहां तक कि जो छात्र हरियाणा के बाहर के हैं उन्हें तो बिना परीक्षा लिए अगली कक्षा में प्रोमोट करने का फैसला लिया गया है।
नवदीप दलाल ने कहा कि अभी भी हरियाणा में कोरोना महामारी ने भयंकर रूप ले रखा है और अगर ऐसे में हरियाणा के फाइनल ईयर के छात्रों को परीक्षा के लिए बुलाया जाता है तो उनमें कोरोना फैलने का डर है। यहां तक कि ट्रांसपोर्टेशन एवं छात्रों के लिए हॉस्टल में रहने की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में जो छात्र हरियाणा के एक जिले से दूसरे जिलों में जायेंगे उनको खासी परेशानी उठानी पड़ेगी और जब हरियाणा के बाहर रहने वाले फाइनल ईयर के छात्रों को जनरल प्रोमोशन दिया जा सकता है तो फिर हरियाणा प्रदेश के छात्रों के साथ क्यों भेदभाव किया जा रहा है। छात्र तो छात्र हैं चाहे हरियाणा के हो या फिर हरियाणा से बाहर के हों। इसलिए एनएसयूआई हरियाणा की मांग है कि सभी यूनिवर्सिटियों में पढऩे वाले फाइनल ईयर के छात्रों को बिना परीक्षा लिए 50 प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन और 50 प्रतिशत अपने पिछले संचयी स्कोर देकर डिग्री दे देनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो एनएसयूआई फाइनल ईयर के छात्रों के लिए संघर्ष जारी रखेगी लेकिन हर हाल में छात्रों को बिना परीक्षा लिए डिग्री दिलवाकर रहेगी। चाहे इसके लिए न्यायालय का दरवाजा ही क्यों ना खटखटाना पड़े या फिर सडक़ों पर उतरना पड़े पर एनएसयूआई पीछे नही हटेगी।  फाइनल ईयर के छात्रों को उनका अधिकार दिलाकर रहेगी।