हिसार, 12 जून।
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए जिला आयुष विभाग भी फ्रंटलाइन पर काम करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विभाग द्वारा पिछले कई दिनों से आमजन की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और दिनचर्या में बदलाव करके बीमारी को मात देने के लिए सघन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके प्रथम चरण में विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को रोग प्रतिरोधक दवा की किट वितरित की गईं थी। इसी कड़ी में अब जिला के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सभी कंटेनमेंट जोन में लोगों को रोग प्रतिरोध बूस्टर किट उपलब्ध करवाई जा रही है।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjMOza95AQI0m0YLG6y-irD_OXzNI2GPWMGfrIR8CTSjqq-iGruMccNg2kluzjQoWHiqipiUhc7oJMeQjOG4Ri8Bc4ETXQVE-t_qeqJGCyqn9Zwo6GrEtbPOsPB6Acn0cicbGAH_o8jLrtg/)
उपायुक्त डॉ प्रियंका सोनी ने बताया कि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया हुआ है। इससे बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों की अनुपालना करने के साथ-साथ हम सबको अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाना होगा। इसके लिए प्रतिदिन योगासन, प्राणायम और गर्म पानी पीने की आदत को जीवनशैली में शामिल करना होगा।
उन्होंने बताया कि आयुष विभाग की ओर से लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष किट का वितरण करवाया जा रहा है। यह दवा लेने से लोगों की सेहत बेहतर रहेगी। वे कोरोना के साथ-साथ दूसरी बीमारियों से भी बच सकेंगे। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग के जागरुकता वाहन के माध्यम से आबंटित किए जाने वाले पंपलेटों में आयुष चिकित्सकों के नाम व मोबाइल नंबर भी प्रचारित किए जा रहे हैं जिससे आमजन घर बैठे उन वरिष्ठ चिकित्सकों से कोरोना सें संबंधित व अपने अन्य रोगो सें संबंधित नि:शुल्क जानकारी या परामर्श ले सकते हैं।
जिला आयुष अधिकारी डॉ. सुशीला ने बताया कि आयुष विभाग के चिकित्सकों की बूस्टर किट वितरण टीम द्वारा लगभग 9 हजार प्रतिरोधक क्षमता की बूस्टर डोज का वितरण अब तक किया जा चुका है। अब तक शहरी क्षेत्र के चार कंटेनमेंट जोन में तथा ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के मध्य बूस्टर डोज वितरित की गई है। इसमें तुलसी, गिलोय एवं एलोवेरा सहित अन्य आयुर्वेदिक तत्वों के मिश्रम से बनी संस्मरणी वटी व आयुष क्वाथ (काढ़ा) के पाऊडर का वितरण करवाया जा रहा है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए इस दवा का उपयोग काफी कारगर है।
उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि वे भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें एवं जितना हो सके एकांत एरिया में ही रहकर अपने कार्य करें। नियमित रूप से गर्म पानी का सेवन करने की आदत विकसित करें ताकि गले की खराश आदि न होने पाएं। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट मेडिटेशन करें और हल्दी, जीरा, धनिया व लहसुन आदि का उपयोग करें। दूध से साथ हल्दी भी पिएं। समय-समय पर हाथ को अच्छी प्रकार से धोते रहें, सैनिटाइजर का उपयोग करें। मुंह पर बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें।