टीजीटी इंग्लिेश के 1035 व 503 अन्य पादों की भर्ती को रद्द करवाने की कोशिश उनके भविष्य से खिलवाड़ : राड़ा

हिसार 21 मई : वर्ष 2015 में विज्ञापित टीजीटी इंग्लिश के 1035 व 503 अन्य पदों को रद्द करने की प्रक्रिया को रुकवाने को लेकर आज उक्त पदों के उम्मीदवारों ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं हिसार से कांग्रेस की सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके रामनिवास राड़ा को ज्ञापन दिया। रामनिवास राड़ा ने डीजीटी उम्मीदवारों की मांग को जायज बताते हुए सरकार व एचएसएससी आयोग से तुरंत इन पदों को रद्द करने की प्रक्रिया को रोकने की मांग की।
अभ्यर्थियों ने बताया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 13 मई 2020 को मुख्य सचिव हरियाणा को पत्र लिखकर टीजीटी इंग्लिश के 1035 एवं 503 अन्य पदों को रद्द करने की अनुमति मांगी है। पत्र में आयोग ने लिखा है कि इन पदों की भर्तियां विभिन्न कोर्ट केसों के कारण लंबित पड़ी हैं। दूसरा 2017 में भर्ती मापदंड बदल गए हैं। आयोग द्वारा बताए गए ये कारण सरकार की आंखों में धूल झोंकने वाले हैं क्योंकि कोर्ट केसों को सुलझाने हेतु आयोग द्वारा कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। कई बार माननीय हाई कोर्ट ने समय पर जवाब दाखिल न करने पर एचएसएससी को जुर्माना भी लगाया है। दूसरा कारण इसलिए गलत है कि ये सभी पद 2015 में विज्ञापित हुए थे जबकि  नए भर्ती नियम 2017 में बनाए गए। इसलिए नए नियम इन भर्तियों पर लागू नहीं होते।
अभ्यर्थियों ने बताया कि टीजीटी इंग्लिश के 1035 पदों के लिए 09/2015 में विज्ञापन जारी किया गया। इसके लिए लिखित परीक्षा का आयोजन 12/2015 व 02/2016 को किया गया। लिखित परीक्षा परिणाम की घोषणा व इंटरव्यू 09/2016 निर्धारित किए गए। लेकिन उक्त पदों के अंतिम परिणाम जारी होना 4 साल से लंबित है। जबकि भर्ती के लिए नए नियम 12/2017 में बने और उन्हें 08/2018 में लागू किया गया।
उन्होंने बताया कि माननीय हाई कोर्ट में दर्ज केस एपीए 56/2018 में माननीय हाई कोर्ट ने 16.01.2018 को भर्ती पर स्टे दिया था। मामले की प्रमाणिकता के लिए कोर्ट ने 15 जनवरी 2019 को प्रदेश की एमडीयू, केयूके यूनिवर्सिटीज को भी जवाब दाखिल करने को कहा। एजी ऑफिस व एचएसएससी की लेटलतीफी व सुस्ती के कारण इस केस की 15 जनवरी 2019 के बाद सुनवाई ही नहीं हुई है। इससे यह सिद्ध होता है अगर एचएसएससी ध्यान देता यह केस कब का खत्म हो जाता। अभ्यर्थियों ने रामनिवास राड़ा से उनकी मांगों को उठाने की मांग की।
  रामनिवास राड़ा ने कहा कि सरकार व आयोग की लेटलतीफी व सुस्ती का खामियाजा उम्मीदवारों को भुगतना पड़ रहा है और वर्ष 2015 से अपनी सलेक्शन की बाट जोह रहे उम्मीदवारों के साथ यह सरासर अन्याय है। सरकार को तुरंत इस मामले में गंभीरता से कार्यवाही करते हुए कोर्ट केस की मजबूती से पैरवी करनी चाहिए और भर्तियों को रद्द होने से रोकना चाहिए। राड़ा ने बताया कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्षा कुमारी शैलजा व पूर्व मंत्री श्रीमती सावित्री जिंदल भी इस मांग को उठा चुकी हैं सरकार तुरंत उम्मीदवारों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन भर्तियों को रद्द करने पर रोक लगाकर भर्ती प्रक्रिया शुरू करना सुनिश्चित करे।