पक्षियों के घोसले बना कर टांक रहे है सात्यित्यकार डा. ओम प्रकाश काद्यान


हिसार - वरिष्ठ साहित्यकार छायाकार व शिक्षाविद डा. ओमप्रकाश काद्यान लोकटाऊन के दिनों में घर रह कर आज कल साहित्य सर्जन में लगे हुए है। ये शीघ्र ही एक साथ कई पुस्तके प्रकाशित करवाने की तैयारी में है। डा. काद्यान ने बताया कि लोकटाऊन की वजय से न मात्राया हो सकती और न ही छायाकन के लिए कही दूर जा सकते है तथा न ही लोक सहित्य सग्रंह किया जा सकता है इसलिए वो घर रहकर कुछ किताबों की प्रकाशन की तैयारी व लेखन कार्य कर रहे है ओममप्रकाश कद्यान ने बताया कि उनके पास करीब तीस पुस्तकों की पड़ुंलीपी तैयार है जो उन्होंने पिछले 28 वर्षी में लिखा है अब इस लेखन सामग्री को धीरे धीरे करके पुस्कत रुप में छपवाने का समय आ गया है। उन्होने बताया कि वे हरियाणा की लोक कला पर केंद्रीत लगभग चार सौ पृष्ठों की पुस्तक छपवाने की तैयारी कर रहे है इसलिए साथ साथ ये आज कल कविताए भी लिख रहे है जिनकी पुरस्तक शीघ्र आएगी। यायावर प्रवृति के लेखक ओमप्रकाश काद्यान ने देश के अनेक हिस्सों में 100 से अधिक प्रयर्टन स्थलों पहाडों गैलैशियरों मरुस्थल सागर जगलों का यात्राए की है तथा उन यात्रा वृत लिखे है जिन कुछ स्थलों के यात्रावृंतात लिखने अधूरे है उनकों भी समय देकर पूरा करने में लगे है केरल व हिमाचल की कुछ यात्राओं पर केद्रीत यात्रा साहित्य लिखने में भी व्यस्त है शीघ्र ही इनकी यात्राओं पर भी पुस्तक आने की संभावना है हरियाणा साहित्य एकादमी द्वारा पडित लख्मी चंद अवार्ड से सम्मानित डा.  काद्यान अब तक 6 पुस्तके हरियाणा की सास्कृतिक धरोहर, हरियाणा की सास्कृतिक विरासत, हरियाणा के लोक गीत, आध्या की लदंवी,केकटस के फूल व हम पक्षी नील गगन के प्रकाशित हो चुकी है डा. ओम प्रकाश कादयान ने कहा कि प्राकृति सब कुछ हम पर लूटाती है कितुं फिर भी आदमी को कोई संतोष नही है मनुष्य ने केवल लेना सिखा है देना नही ऊपर से प्राकृति से अनावश्य छेडछाड अति दोहन के दुष परिणाम हमारे समाने आ रहे है। इन्होंने कहा कि लोकटाऊन की स्थिति में साकारात्मक  तरीके से सावधानी बरतनी है तथा जो लोग मुसीबत में है उनका दुख दर्द बांटे उनके प्रति सवेदनाए प्रकट करे। कोरोना वायरस से हम सावधानी सहयोग हिम्मत से ही जीत सकते है। हिसार की मारबल सिटी में रहने वाले साहित्यकार ओमप्रकाश कद्यान आज रेखाकन व स्कैच भी बना रहा है बीच बीच में समय निकाल कर पक्षियों के लडकी के घोसले भी बना कर टांग रहे ताकि पक्षियों आशिया मिल सके ये पक्षियो के लिए दाना पानी का इंंतजाम कर रहे है कमाल कि बात यह है कि वे खुद आरी व हथौडी लेकर बैकार रखी लकडियों के घोसले बना कर जगह जगह टांग रहे है अब तक इन्होंने बीस से अधिक घोसले टांगे है जिनमें तोते देशी मैना, नीलकंड,गौरेया, काली चिडिया, छोटे उल्लू आदि अडे देकर अपना परिवार पाल चुके है दूसरी तरफ शिक्षक होने के नाते ये कुछ समय बच्चों की आन लाइन पढाई के लिए निकाल रहे है पिछले दिनों डा. ओम प्रकाश काद्यान अपने स्कूल स्टाफ के कुछ सदस्यों के साथ एमपी रोही गांव यहा ये पढाते है में घर घर जाकर बच्चों की पुरस्कतों का आदान प्रदान करवाया ताकि सभी बच्चों के पास पढने के लिए पुस्तके हो इसके अलावा आनलाइन पढाई को सार्थक बनाने के उद्देश्य से इन्होंने घर घर जाकर बच्चों के वट्सअप नंबर जुटाए तथा बच्चों की कोपिया भी चैक की। इस दौरान लोकडाऊन नियमों का उचित दूरी का विषेश ध्यान रखा गया। जरुरत मंद बच्चों को मास्क भी बांटे गए ताकि बच्चे भी सुरक्षित रहे। बच्चों के माता पिता से मिलकर उन्हें प्रोत्साहित किया गया। लोक डाऊन के चलते छात्र में रहते हुए उबे नही उनमे बराबर उर्जा बनी रहे वे सृजनातकम कार्यो से भी जुडे रहे। इसके लिए इन्होंने बच्चों की आनलाइन पेटिंग सलोगन व कवित प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें बच्चों ने विषेश उत्साह दिखाया। इन्होने आनलाइन दिखालों में भी विषेश सहयोग दिया। स्कूल प्राचार्य रोहताश कुमार ने बताया कि हमारे विद्यालय के उर्जावान शिक्षक डा.ओम प्रकाश काद्यान ने लोकटाऊन के बुरे दौर में अपनी साकारात्मक उर्जा से विद्यालय व छात्रों की पढाई के लिए महत्वपूर्ण भूमिका है।  उसके लिए ये बधाई के पात्र है।