हकृवि ने कोरोना-संक्रमण से बचाव के लिए बनाए मास्क व सुरक्षात्मक शील्ड

हिसार: 11 मई
आज हमारा पूरा देश कोरोना वायरस (कोविड-19) जनित महामारी की चपेट में है। वैश्विक महामारी के इस कठिन समय में हम सभी इससे बचाव के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान परिस्थितियों में हमें न केवल स्वयं को अपितु अपने आस-पास के सभी लोगों को सुरक्षित रखने के प्रयास भी करने हैं क्योंकि इस महामारी से बचने के लिए सावधानी ही एकमात्र उपाय है। महामारी के मद्देनजर भारत सरकार व हरियाणा सरकार से समय-समय पर इससे बचाव के लिए सुरक्षा संबंधी सुझाव मिलते रहते है। शरीरिक दूरी बनाये रखना, मास्क पहनना तथा बार-बार साबुन से हाथ धोते रहना आदि इस महामारी से बचाव के लिए अति आवश्यक कदम हंै।
इसी दिशा में निरंतर भिन्न-भिन्न क्रियाकलापों को क्रियान्वित करते हुए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. के.पी. सिंह के निर्देशानुसार वस्त्र एवं परिधान अभिकल्पन विभाग ने मार्च माह से अब तक सूती वस्त्रों के पाँच हजार मास्क बनाए है। कुलपति महोदय के मार्ग-दर्शन अनुरूप ही विभाग ने चेहरे के लिए सुरक्षात्मक शील्ड भी तैयार की है जिससे स्वास्थ्य कर्मी कोरोना प्रभावित लोगों के इलाज के समय पहनकर अपनी सुरक्षा कर सकते हंै। विभाग ने मास्क एवं सुरक्षात्मक शील्ड बनाने की विधि का विडियो तैयार किया है जिसे विभिन्न माध्यमों से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाया जा रहा है। तैयार किए गए मास्क विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार उपलब्ध करवाए जा रहे है। मास्क बनाने का कार्य अब भी जारी है। इस विडियो की सहायता से महिलाएँ घर पर ही आसानी से मास्क तैयार कर सकती हैं।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय समय-समय पर किसानों के लिए रक्षात्मक सुझाव देते रहते है। विभाग द्वारा भी किसान भाई एवं बहनों के लिए वस्त्रों सम्बंधी सुझाव दिए गए हैं जिन्हें छात्राओं के माध्यम से किसानो तक पहुँचाया गया हंै। खेती के काम के समय किसानों को कोरोना वायरस के बचाव के साथ-साथ धूल-मिट्टी आदि से बचाव के लिए मास्क, दस्तानों का प्रयोग करने से पहले व बाद में अपने हाथों को साबुन से अच्छी प्रकार से धोना चाहिए। मास्क व दस्तानों को हर बार उपयोग के बाद अवश्य धोएँ एवं उन्हें धूप में सुखाएँ।
दस्तानों एवं मास्क की कीटाणु रोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्हें नीम के पत्तों के अर्क से उपचारित कर सकते हैं। इसके लिए 100 ग्राम ताजे नीम के पत्तों को एक लीटर पानी में 15-20 मिनट तक उबालकर छान लें तथा इस अर्क में धुले हुए मास्क व दस्तानों को 20 मिनट के लिए उपचारित करें। तत्पश्चात् उन्हें अच्छे प्रकार से सुखा लें।
इस महामारी के सन्दर्भ में इन्दिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढ़ांडा ने महाविद्यालय के सभी कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे सरकार के दिशा-निर्देशों का पूर्णतया पालन करें और कोविड-19 महामारी को हराने में हर सम्भव योगदान दें।