अगर हमारी सेवा में लगे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पुलिस तथा आर्मी सुरक्षित हैं तो हम भी सुरक्षित हैं- डॉ. रमेश आर्य

यूनिक हरियाणा :-राजकीय महाविद्यालय हिसार के वाणिज्य विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रमेश आर्य तथा उनकी
धर्मपत्नी श्रीमती सविता रतिवाल सेक्टर 16 -17 निवासी ने बताया कि 21 दिन का लॉकडाउन जनहित में सही
समय पर लिया गया एक अहम् फैसला है। हमारा परिवार, हमारे मित्र-दोस्त तथा हमारे सगे-संबंधी लाॅकडाउन
का तहेदिल से समर्थन करते हैं तथा हम सभी नियमों की पालना कर रहे है ताकि हिसारवासियों में प्रेरणा और
विश्वास की वृद्धि हो और इस लड़ाई में हम विजयश्री को प्राप्त करें। आओ सोशल डिस्टेंसिंग के नियम ध्यान में
रखें । आप बचेंगे तो देश बचेगा । आपका मिलना जरूरी नहीं है, आपका होना जरूरी है । इनका कहना है कि
व्यक्ति जहां पर है वहीं पर रहें स्वस्थ रहें खुश रहें । शायद प्रकृति की भी यही इच्छा है । हमें इसकी पालना करनी
चाहिए ।
यह समय अपने अंदर झांकने का है कि हम इस देश के लिए किस-किस प्रकार से सहयोग दे सकते हैं ।
आज देश के प्रति हमारे कर्त्तव्यों का मह्त्व बढ़ गया है । बहुत ही गंभीरता पूर्वक चिंतन का विषय है कि अगर
भारत में यह महामारी तीसरे स्तर में पहुंच गई तो इसे रोक पाना असंभव होगा ।
उन्होंने बताया कि इस विकट परिस्थिति में भी कुछ सकारात्मक है । लाॅकडाउन से पहले हमारे व्यस्त
कार्यक्रम के चलते बहुत ही जरूरी बातें पीछे छूट जाती थी लेकिन अब हम संबंधों को पुनः ऊर्जावान् करने,
इंटरनेट पर अच्छे लिंक्स ढूंढ कर विद्यार्थियों में शेयर करने, घर की साफ सफाई के साथ होम जिम की फिटिंग
करने तथा एक्सरसाइज करने, सोशल मीडिया पर सकारात्मक विचार सांझा करने, वीडियो कॉल करने, लैपटॉप
की पुरानी फाइलों को चेक करने, हर रोज यूट्यूब पर देख कर खाने में कुछ नया बनाने आदि में समय का
सदुपयोग कर रहे हैं । जहां हमें तीनों वक्त परिवार के साथ इकट्ठा बैठकर खाना खाने, योग प्राणायाम करने,
अच्छी किताबें पढ़ने, पक्षियों की आवाज सुनने, अपनी हॉबी को याद करने तथा पुनः विकसित करने व पेट्रोल
बचाने का अवसर प्राप्त हुआ है वहीं पृथ्वी पर प्रकृति को प्रदूषण स्तर कम करने, पक्षियों तथा जंगली जानवरों को
स्वतंत्र रूप से घूमने का एक सुनहरा मौका मिला है।
पुरानी कहावत आज भी चरितार्थ है कि इलाज से परहेज अच्छा है । हम अपने परिवार के साथ यह
संदेश देना चाहते हैं कि अगर हमारी सेवा में लगे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पुलिस तथा आर्मी सुरक्षित हैं तो हम
सुरक्षित हैं। यह तभी संभव होगा जब हम इस वैश्विक महामारी के युद्ध में एक योद्धा की भूमिका में सामने
आएंगे तथा अपने राष्ट्र को, अपने परिवार को व खुद को बचाने के लिए लाॅकडाउन के नियमों की पालना करेंगे।
हमें इस महामारी से लड़ने के लिए अपनी तैयारियों को और अधिक विस्तार देना होगा तथा प्रशासन ने भी और
अधिक चुस्ती शक्ति व कठोरता से काम करना होगा और इस मुश्किल घड़ी में देश को भी तैयार रहना होगा।
गौतम बुद्ध ने भी कहा था कि 'आप तूफान को शांत नहीं कर सकते, कोशिश व्यर्थ है ; आप स्वयं को शांत कर
दीजिए, तूफान खुद चला जाएगा'।


हम सबका इस नाजुक समय में सकारात्मकता के साथ उदारता दिखाते हुए सरकार व समाज को
योगदान देने का कर्तव्य बनता है । अगर कोई अच्छा सुझाव आपके पास है तो कृपया आप उसे प्रशासन तक
पहुंचाने का प्रयास करें । हो सकता है कि आपकी समझ देश और दुनिया को बचाने में काम आ जाए।