प्रेस-नोट महाशिवरात्रि पर किया गया व्रत व पूजन होता है सर्वकल्याणकारी : डॉ. बलजीत शास्त्री

हिसार 20 फरवरी : दिव्या वैदिक ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष डॉ. बलजीत शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि पर किया गया व्रत एवं पूजन सर्व कल्याणकारी होता है क्योंकि महाशिवरात्रि में शिव के साथ शक्ति का पूजन भी स्वयं हो जाता है। महाशिवरात्रि में 8 पहर या 4 पहर में की गई शिव की आराधना मनुष्य के सभी दोषों को दूर कर देती है।
डॉ. बलजीत शास्त्री ने बताया कि शिव पुराण रुद्र संहिता के अनुसार ज्वर, प्रलाप की शांति के लिए जलधारा, वंश वृद्धि के लिए घृत धारा, उत्तम बुद्धि के लिए मीठे दूध की धारा से रुद्राभिषेक करना चाहिए। शरीर में पीड़ा, घर में शांति एवं मानसिक कष्ट की निवृत्ति के लिए और जन्म कुंडली में सभी ग्रह दोष की शांति के लिए पंचामृत से रुद्राभिषेक करना चाहिए। वाणी की कामना हेतु घी एवं पारिवारिक सुख हेतु सुगंधित तैल धारा से अभिषेक करें। मधु धारा से मनुष्य को धन वृद्धि एवं गन्ने के रस से अभिषेक करने से आनंद की प्राप्ति होती है।
डॉ. बलजीत शास्त्री ने बताया कि आयु वृद्धि के लिए दुर्वा से, पुत्र की इच्छा हेतु लाल डंडी वाले धतूरे से, महान यश हेतु अगस्त्य के फूलों द्वारा और तुलसी मंझरी से शिव पूजन करने से भुक्ति-मुक्ति मिलती है। कुब्ज, कल्हार और आक के फूलों द्वारा पूजन से प्रताप बढ़ता है। अलसी के फूलों द्वारा शिव पूजन करने से भगवान विष्णु की प्रियता प्राप्त होती है। चमेली के फूलों से वाहन सुख की प्राप्ति होती है। शमी पत्र द्वारा शिव पूजन करने से मनुष्य मोक्ष पाता है और निर्गुण्डी के फूलों द्वारा पूजन से मन निर्मल होता है। बिल्व पत्र द्वारा शिव पूजन से भगवान शंकर शीघ्र ही समस्त कामनाओं को पूर्ण करते हैं। शिव पर लाख पल तिल चढ़ाने से महापातकों का नाश होता है। जौ के द्वारा पूजन करने से सुख की वृद्धि होती है। गेहूं के द्वारा की गई पूजा भगवान शंकर को संतुष्ट करती है। लाख गेहूं से की गई महादेव की पूजा संतान को बढ़ाने वाली होती है। 8 सेर में एक लाख गेहूं का विधान होता है।