यूनिक हरियाणा हिसार 26 फरवरी 2020 : अग्रसैन कालोनी निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र कुमार ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि डी.एन. कॉलेज से घोड़ा फार्म रोड की ओर जाने वाली सडक़ कॉलेज के सामने पूरी तरह पार्किंग स्थल में तब्दिल हो चुकी है जिससे यहां हमेशा जाम लगा रहता है और वहां से गुजरने वाले लोगों व वाहनों को भारी परेशानियों को सामना करना पड़ता है। कई बार कॉलेज प्रशासन व जिला प्रशासन के संज्ञान में मामला लाने के बावजूद भी वे मूकदर्शक बने हुए हैं। रविन्द्र कुमार ने बताया कि डी.एन. कॉलेज के सामने का मार्ग बेहद संकरा है और वहां पर कॉलेज के छात्रों द्वारा सडक़ पर ही बेतरतीब ढंग से वाहन खड़े कर दिए जाते हैं जिससे वहां पर हर समय जाम जैसी स्थिति रहती है और आने-जाने वाले लोगों व वाहनों को बेहद परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि इस बारे में वे पहले भी कॉलेज प्रशासन को अवगत करवा चुके हैं लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं कॉलेज के छात्र बुलेट माटरसाइकिलों पर सवार होकर सारा दिन यहां पर तेज आवाज वाले साइलेंसर लगाकर अशांति फैलाते हैं जिस पर भी कॉलेज प्रशासन को अंकुश लगाना चाहिए। वहीं कॉलेज के कैंपस ग्राउंड में अवैध रूप से वाहन खड़े रहते हैं उनकी तरफ भी कॉलेज प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। ग्राउंड में अवैध रूप से खड़े वाहनों की जगह कॉलेज प्रशासन द्वारा उसे पार्किंग के रूप में प्रयोग किया जा सकता है लेकिन इस ओर भी कॉलेज प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा। रविन्द्र कुमार ने बताया कि डी.एन. कॉलेज रोड इतना संकरा है कि वहां से दो वाहनों का एक साथ निकलना मुश्किल होता है उस पर वहां कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज के बाहर की सडक़ को ही पार्किंग स्थल बना लिया है और वहां सारा दिन मोटरसाइकिल इत्यादि खड़े रहते हैं जिससे वहां जाम लगा रहता है और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रविन्द्र कुमार ने डी.एन. कॉलेज प्रशासन व जिला प्रशासन से वहां से पार्किंग हटाने व समस्या का समाधान कर लोगों को राहत प्रदान करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि कॉलेज प्रशासन दो दिन में इस पर कोई कार्यवाही नहीं करता तो गृह मंत्री अनिल विज को शिकायत भेजकर यहां पर ट्रैफिक पुलिस तैनात करवाने व कार्यवाही की मांग करेंगे। रविन्द्र कुमार ने बताया कि उन्होंने गृहमंत्री के ट्विटर पर फोटो डालकर इस संबंध में कार्यवाही की मांग भी की है।
डी.एन. कॉलेज रोड बना पार्किंग स्थल कॉलेज व जिला प्रशासन बने मूक दर्शक : आरटीआई एक्टिविस्ट