सरकार ने स्टांप ड्यूटी 2000 से घटाकर 100 रुपये करके किसानों व आमजन की जेब से आर्थिक बोझ कम किया : राज्यमंत्री अनूप धानक
यूनिक हरियाणा हिसार, 14 जुलाई।

हरियाणा के पुरातत्व-संग्रहालय एवं श्रम-रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक ने कहा कि प्रदेश में स्टाम्प ड्यूटी 2000 रुपए से कम करके 100 रुपए करने के सरकार के निर्णय से किसानों व आमजन की जेब पर आर्थिक बोझ कम होगा। प्रदेश सरकार का यह निर्णय कोरोना काल में आजन को बड़ी राहत देने का काम करेगा।

राज्यमंत्री अनूप धानक ने कहा कि किसान विपरीत परिस्थितियों में अन्न पैदा कर पूरे देश का पेट भरने का काम करता है। ऐसे में उनके हितों की रक्षा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली राज्य सरकार प्रदेश के किसानों, मजदूरों व गरीब तबके के हित में कई अहम कदम उठा रही है ताकि वे आत्मनिर्भर भारत की एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकें। राज्य सरकार द्वारा स्टाम्प ड्यूटी घटाना किसानों व जनसाधारण के हित में उठाया गया एक बड़ा फैसला है जिससे प्रदेश के लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि पहले सहकारी और सरकारी बैंकों से ऋण लेने के लिए प्रत्येक किसान को स्टाम्प डयूटी के रूप में 2000 रुपए देने पड़ते थे और किसान लंबे समय से इसे घटाने की मांग कर रहे थे। सरकार के इस निर्णय से किसानों की पुरानी मांग पूरी हुई है। 

राज्यमंत्री चंडीगढ़, 14 जुलाई- हरियाणा के पुरातत्व-संग्रहालय एवं श्रम-रोजगार राज्यमंत्री श्री अनूप धानक ने कहा कि प्रदेश में स्टाम्प ड्यूटी 2,000 रुपए से कम करके 100 रुपए करने के सरकार के निर्णय से किसानों की जेब पर आर्थिक बोझ कम होगा और उन्हें लॉकडाउन के बाद आई मंदी से उबरने में मदद मिलेगी।

श्री अनूप धानक ने कहा कि किसान विपरीत परिस्थितियों में अन्न पैदा कर पूरे देश का पेट भरने का काम करता है। ऐसे में उनके हितों की रक्षा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल और उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के हित में कई अहम कदम उठा रही है ताकि वे आत्मनिर्भर भारत की एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकें। राज्य सरकार द्वारा स्टाम्प ड्यूटी घटाना किसानों के हित में उठाया गया एक बड़ा फैसला है जिससे प्रदेश के लाखों छोटे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। 

उन्होंने कहा कि पहले सहकारी और सरकारी बैंकों से ऋण लेने के लिए प्रत्येक किसान को स्टाम्प डयूटी के रूप में 2,000 रुपए देने पड़ते थे और किसान लंबे समय से इसे घटाने की मांग कर रहे थे। सरकार के इस निर्णय से  किसानों की पुरानी मांग पूरी हुई है। उन्होंने बताया कि पहले ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा केवल सहकारी संस्थाओं से लिए गए ऋणों पर ही उपलब्ध थी और इसकी सीमा 1.5 लाख रुपये थी। परंतु वर्तमान राज्य सरकार ने ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा का दायरा उन किसानों तक भी बढ़ाने का निर्णय लिया है जो किसी भी राष्ट्रीयकृृत बैंक या सहकारी बैंक से प्रति एकड़ 60 हजार रुपये तक का या अधिकतम 3 लाख रुपये तक का फसली ऋण लेते हैं।

राज्यमंत्री अनूप धानक ने बताया कि किसान निर्धारित समय पर ऋण की अदायगी करके तथा अपने सभी सहकारी ऋणों को ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर घोषित करके इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि खरीद एजेंसी द्वारा फसल के खरीद मूल्य में से ऋण की अदायगी सीधे उस संस्था के खाते में जमा करवाई जाएगी, जिससे किसान ने ऋण लिया हुआ है।