चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित एबिक सेंटर ने युवा व किसानों से मांगे बिजनेस आइडिया के लिए आवेदन

हिसार: 15 जुलाई
अगर आपके पास कोई बिजनेस करने का नया तरीका या आइडिया है, तो ये आइडिया आपको चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में नाबार्ड व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ्तार) के तहत स्थापित एबिक केंद्र के माध्यम से 5 से 25 लाख रूपये की अनुदान राशि दिला सकता है। यह अनुदान राशि एक प्रक्रिया के तहत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा दी जाएगी। इसके लिए आपको सिर्फ चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय व एबिक की वेबसाइट 222.द्धड्डह्व.ड्डष्.द्बठ्ठ ड्डठ्ठस्र 222.ड्डड्ढद्बष्द्धड्डह्वद्धद्बह्यड्डह्म्.ष्शद्व पर जाकर ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना है। यह शुरूआत युवाओं, किसानों व उद्यमियों के लिए इस सेंटर के माध्यम से मार्केटिंग, नेटवर्किग, लाईसेंसिग, ट्रैडमार्क व पेटेंट, तकनीकी व फंडिग से संबंधित प्रशिक्षण लेकर कृषि क्षेत्र में अपने स्टार्टअप को नया आयाम देने के लिए की गई है। इसके लिए पहल व सफल नाम से दो प्रोग्राम शुरू किए गए हैं, जिसमें पहल प्रोग्राम में 5 लाख रूपये जबकि सफल प्रोग्राम में 25 लाख रूपये की अनुदान राशि का प्रावधान है। विश्वविद्यालय में इस सेंटर की स्थापना वर्ष 2019 में नाबार्ड व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ्तार) के तहत की गई है।
पहल प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण के समय मिलेगा मेहनताना भी
इसके तहत खेती व खेती संबंधित कोई नया प्रोडक्ट, नई तकनीक व आपूर्ति सेवाओं  पर कोई नया आइडिया जो किसी समस्या का समाधान करने के साथ-साथ समुदाय की जरूरत भी हो। इस कार्यक्रम के तहत चयनित आवेदकों को दो महीने दस हजार रूपये प्रति माह मेहनताना का आवासीय प्रशिक्षण, बिजनेस व तकनीकी मेंटरिंग तथा 5 लाख रूपये तक की अनुदान राशि का प्रस्ताव कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के पास भेजा जाएगा। इसकी सहायता से वह अपना प्रोडक्ट व तकनीक का प्रोटोटाइप तैयार करके बाजार में व्यवसाय के रूप में स्थापित कर सकता है।
सफल कार्यक्रम के मुख्य बिंदू
सफल कार्यक्रम में आवेदन करने के लिए खेती व खेती से संबंधित उत्पाद या तकनीकी यंत्र व आपूर्ति सेवाओं का प्रोटोटाइप/मिनीमम वायबल प्रोडक्ट व व्यावसायीकरण के लिए पहले से पूरी तरह तैयार होना चाहिए। इसमें आवेदन करने वाले को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसका यह उत्पाद/तकनीक/ आपूर्ति सेवाएं पहले से ही बाजार में स्थापित हों। इस कार्यक्रम के तहत चयनित आवेदकों को दो महीने का आवासीय प्रशिक्षण, बिजनेस व तकनीकी मेंटरिंग तथा 25 लाख रूपये तक की अनुदान राशि का प्रस्ताव कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के पास भेजा जाएगा। इस अनुदान राशि की सहायता से वह अपने व्यवसाय को ब्रांड के रूप में आगे बढ़ा सकता है।
आवेदन से पहले इन बातों का रखना होगा ध्यान
आवेदन की प्रक्रिया नि:शुल्क होगी। आवेदन करने वाला प्रदेश या फिर निकटवर्ती राज्य का होना जरूरी है, जो हरियाणा में आकर अपना व्यवसाय स्थापित करने का इच्छूक हो। इसके अलावा आवेदन करने वाले का मुख्य आइडिया एग्री बॉयोटैक, बागवानी, जैविक खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन, सूक्ष्म सिंचाई, कृषि अभियांत्रिकी, खेती मशीनीकरण, कम खर्च में अधिक उत्पादन, आपूर्ति श्रृखंला प्रबंधन, कटाई व कटाई के बाद की प्रक्रिया, खाद्य प्रक्रिया एवं मूल्य संवर्धन, कृषि में कृत्रिम  बुद्धिमता इत्यादि का विशेष ध्यान रखना होगा।
अनुदान राशि व प्रशिक्षण के लिए ये होगी चयन प्रक्रिया
आवेदक को अपने आइडिया का प्रपोजल ऑनलाइन या ऑफलाइन भेजना है। इसके बाद उस आइडिया का इंक्युबेशन कमेटी द्वारा सक्रिनिंग के माध्यम से दो महीने के प्रशिक्षण के लिए चयन किया जाएगा। इसके अलावा प्रशिक्षण के बाद दोबारा यही कमेटी आवेदक के आइडिया को प्रस्तुत करवाएगी और चयनित आवेदक के नाम के प्रस्ताव को अनुदान राशि के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के पास भेजा जाएगा व अंतिम फैसला भी मंत्रालय का ही होगा।
नौकरी खोजने की बजाय बन सकते हैं नौकरी देने वाले
इस स्कीम के प्रिसिंपल इन्वेसटीगेटर डॉ. आर.के. झोरड़ के अनुसार युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने का एक सुनहारा अवसर है। इस सेंटर से प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता लेकर युवा नौकरी खोजने की बजाय नौकरी देने वाले बन सकते है। एबिक सेंटर की नॉडल अधिकारी डॉ. सीमा रानी ने बताया कि चयनित एग्री स्टार्टअपस को दो महीने के प्रशिक्षण के दौरान बिजनेस व तकनीकी व उद्यमी विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा तथा चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की सभी प्रयोगशालाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवायी जाएगी।
आत्मनिर्भर बनने की दिशा में निभाएगा अहम् भूमिका : डॉ. एस.के. सहरावत
विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक ने बताया कि युवा, किसान व उद्यमी एबिक सेंटर के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिंग, पैकजिंग व ब्रांडिग करके व्यापार की अपार संभावनाएं तलाश सकते हैं। ये दोनों कार्यक्रम उनको आत्मनिर्भर बनाने में काफी मददगार साबित होंगे। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य युवा व किसानों के कृषि व कृषि से संबंधित उनमें विद्यमान कौशल व उनके नवाचारों को निखारना है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ्तार) के तहत पहल व सफल 2020 नाम से प्रोग्राम लांच करके आवेदन मांगे गए हैं।