हिसार 2 मई : जागो इंडिया जागो संस्था के संस्थापक अधिवक्ता जितेन्द्र मधोक (आर्य) नियमित रूप से परिवार सहित घर पर साप्ताहिक हवन यज्ञ करते रहे हैं परन्तु कोरोना की महामारी के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 से 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की तब अधिवक्ता जितेन्द्र मधोक (आर्य) ने 21 दिनों तक प्रतिदिन विश्व कल्याण की मंगल कामना और पर्यावरण शुद्धि हेतु हवन यज्ञ परिवार सहित करने का निर्णय लिया। उन्होंने सपरिवार वायुमण्डल को शुद्ध करने, रोगों के कीटाणुओं को शरीर व वायुमण्डल से नष्ट करने हेतु 21 दिवसीय हवन यज्ञ प्रारम्भ किया और उसके बाद लॉक डाउन अगले 19 दिन और बढ़ा दिया गया तब भी उनके परिवार ने हवन को कम से कम 40 दिन तक करने का निश्चय मन में धारण करके हवन यज्ञ जारी रखा हुआ है।
जितेंद्र आर्य ने बताया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो अग्नि में डाले हुए पदार्थ कभी नष्ट नहीं होते बल्कि रूपान्तरित होकर सूक्ष्म होने से लाखों गुणा शक्तिशाली होकर कल्याणकारी हो जाते हैं। आज के वैज्ञानिक युग में कोई भी व्यक्ति बिना साक्ष्य और सबूत के किसी की बात को नहीं मानता है उनके लिए प्रमाण यह है कि भोपाल गैस त्रासदी के समय एस.एल. कुशवाहा और एस. राठौर के परिवार ने गैस रिसाव के समय परिवार सहित यज्ञ आरम्भ किया जिसका परिणाम यह हुआ कि इन दोनों परिवारों पर हानिकारक गैसों का कोई दुष्परिणाम नहीं पड़ा। एक उदहारण वैज्ञानिक डॉ नौटियाल कि वो रिसर्च है जिसमें उन्होंने यह साबित किया कि हवन यज्ञ के समय अग्नि से निकलने वाली गैसें वातावरण को शुद्ध करती हैं और यह गैसें हवा में पाए जाने वाले रोगाणुओं को नष्ट करने के साथ ही बीमारियों की आशंकाओं को भी कम करती हैं। ऐसे अनेकों उदहारण हैं जो यह साबित करते हैं कि हवन यज्ञ से वातावरण को शुद्ध किया जा सकता है । एक समय के हवन यज्ञ में लगभग 150 ग्राम देसी घी, 350 ग्राम हवन सामग्री और 1 से 1-1/2 किलो ग्राम समिधाएँ लकडिय़ा लगती हैं। सामग्री को सुगन्धित, पुष्टिकारक और रोगनाशक पदार्थों को मिलाकर बनाया जाता है ।
अधिवक्ता जितेन्द्र मधोक (आर्य) ने बताया कि हवन यज्ञ की प्रेरणा उनके परिवार को आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती के समय से ही मिली हुई है । आर्य ने सभी से अपील की है कि वातावरण की शुद्धि हेतु हम सबको अपने घरों में प्रतिदिन हवन एवं यज्ञ करना चाहिए जिससे हम भी अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाने में योगदान दे पाएं और यही बात हवन यज्ञ के लिए हिन्दू धर्म के मूल में भी स्थित है। यदि कोई हवन एवं यज्ञ को धर्म की दृष्टि से देखते हुए हवन न करने की इच्छा रखता हो तो भी कम से कम पर्यावरण में हवन महत्व को देखते हुए तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हम सभी को सहयोग देना चाहिए ।
जागो इंडिया जागो संस्था के संस्थापक अधिवक्ता जितेन्द्र मधोक (आर्य) का कहना है कि जागो इंडिया जागो संस्था के द्वारा सूखा राशन बाँटने का कार्य भी निरंतर जारी है। जागो इंडिया जागो संस्था ने जरूरतमंदों को राशन व खाद्य सामग्री का सहयोग भी यथासंभव दिया है।
धर्म ही नहीं पर्यावरण की दृष्टि से भी अत्यंत प्रभावशाली है हवन : जागो इंडिया जागो