हिसार, 18 अगस्त।
जिला में वर्ष 2020-21 के दौरान फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत फसल अवशेषों को खेत में मिलाने या अन्य प्रबंधन हेतु किसानों को व्यक्तिगत श्रेणी में 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है।
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि जमीन की उर्वरा शक्ति बनाए रखने तथा पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा फसल अवशेषों (खासकर धान के अवशेषों) को खेतों में व खेतों से बाहर मशीनों द्वारा प्रबंधन के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर नौ प्रकार के कृषि यंत्र व मशीन दिए जाने हैं।
उन्होंने बताया कि सुपर एसएमएस सामान्य जाति के लिए 4 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए एक, हैप्पी सीडर सामान्य जाति के लिए 4 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए एक, पैडी स्ट्रा चोपर, मल्चर 9 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए दो, रोटरी सलेसर शर्ब मास्टर सामान्य जाति के लिए 20 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 5, रिवर्सिबल एमबी प्लो सामान्य जाति के लिए दो, सुपर सीडर सामान्य जाति के लिए 4 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए एक, जीरो टिल कम फर्टिलाइजर ड्रिल सामान्य जाति के लिए 31 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 5, स्ट्रा बेलर, स्ट्रा रेक सामान्य जाति के लिए 20 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 6, क्रोप रिपर ट्रैक्टर चलित, स्वचालित रिपर बाईंडर (4 व्हील) सामान्य जाति के लिए 8 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए एक तथा कस्टम हायरिंग सेंटर सामान्य जाति के लिए 25 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 6 निर्धारित हैं।
उन्होंने बताया कि कृषि यंत्र व मशीनों में से किसान अधिकतम विभिन्न प्रकार की तीन मशीन ले सकता है। इसके लिए किसान ने पिछले 2 साल में उपरोक्त मशीन पर किसी भी स्कीम के तहत अनुदान नहीं लिया हो। ट्रैक्टर चलित मशीनों के लिए हरियाणा राज्य में रजिस्टर्ड आरसी तथा मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण का होना अनिवार्य है। स्कीम के तहत लक्ष्यों से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर चयन ड्रा द्वारा जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी द्वारा किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त जिले में कस्टम हायरिंग सेंटर के 25 लक्ष्य सामान्य तथा 6 लक्ष्य अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस पर 80 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए पंजीकृत किसान समिति, एफपीओएस, किसानों की सहकारी समितियां एवं पंचायतें आवेदन कर सकती हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर कलस्टर के अनुसार स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले उन गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी जिसमें ज्यादा एएफएल यानी आगजनी हुई है। कस्टम हायरिंग सेंटर पर 5 लाख से 15 लाख तक प्रोजेक्ट कीमत ले सकते हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर के अंतर्गत कम से कम 3 व अधिकतम 5 कृषि यंत्र व मशीन ले सकता है।
उन्होंने बताया कि किसान अपनी पंसद के निर्माता से कृषि यंत्र व मशीन खरीद सकते हैं जो हरियाणा सरकार की अनुमोदित सूची में हों। योग्य आवेदक आगामी 21 अगस्त तक डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीहरियाणा डॉट सीआरएम डॉट कॉम पर आवेदन कर सकता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए उप कृषि निदेशक तथा सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।